लगातार चला रहा है अभियान
विद्युत विभाग ने अब तक करीब 10 करोड़ राजस्व की वसूली की
बकायेदारों से ससमय बिल भुगतान का आह्वान
सुपौल : वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति को लेकर विद्युत विभाग ने बिजली बिल के बड़े बकायेदारों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. विभाग द्वारा बकायेदारों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं राजस्व की वसूली के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रशांत कुमार मंजू ने बताया कि जारी अभियान के तहत अब तक करीब 10 करोड़ रुपये की वसूली विभाग ने की है. बांकी बकायेदारों को चिह्नित कर उनसे बिल वसूली व भुगतान नहीं होने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है.
कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अभियान का काफी सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हो रहा है. खास कर अधिकांश सरकारी विभागों व संस्थानों द्वारा बकाये बिजली बिल की राशि का भुगतान कर दिया गया है. उन्होंने आम उपभोक्ताओं से भी बिजली बिल का ससमय भुगतान करने की अपील की. कहा कि विद्युत विभाग लोगों की सेवा में सदैव तत्पर है. उपभोक्ताओं को भी बिल का समय पर भुगतान कर देना चाहिये. ताकि उन्हें निर्बाध रूप से विद्युत की आपूर्ति मिलती रहे. बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया जायेगा. साथ ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
लघु सिंचाई विभाग की बत्ती गुल
बिजली बिल के बड़े बकायेदारों के विरुद्ध जारी कार्रवाई के तहत बिजली विभाग द्वारा सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित लघु सिंचाई विभाग कार्यालय का कनेक्शन काट दिया गया है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि विभाग के विरुद्ध करीब 03 करोड़ 89 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया था. इसका भुगतान कई रिमाइंडर के बाद भी नहीं किया जा रहा था. इसके बाद विभाग द्वारा एक करोड़ 85 लाख 936 रुपये का भुगतान किया गया. जबकि करीब 02 करोड़ से अधिक की राशि का बिजली बिल अब भी विभाग पर बकाया है. यही वजह है कि उक्त कार्यालय का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक विभाग के सभी बकाया राशि का भुगतान नहीं कर दिया जाता, विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी.
कनेक्शन कटने पर जतायी नाराजगी
हालांकि लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता राकेश कुमार गुप्ता ने बिजली विभाग के इस प्रकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा करीब 1.89 करोड़ का भुगतान 21 मार्च को कर दिया गया है. सिर्फ बंद पड़े नलकूपों का भुगतान नहीं किया गया है. अस्तित्व विहीन ट्यूबवेल के विद्युत विपत्र के भुगतान की मांग बिजली विभाग द्वारा की जा रही है, जो उचित नहीं है. उन्होंने असंतोष व्यक्त करते कहा कि कार्यालय को बिजली बिल का विपत्र भेजे बिना ही विद्युत आपूर्ति काट दी गयी. इससे कार्यालय का कार्य बाधित हो रहा है.