सुपौल : इस बार मुख्यालय के वार्ड नंबर 07 स्थित न्यू कॉलोनी के लोग गंदगी के बीच ही छठ घाट तक जाएंगे. एक तरफ अभी से ही श्रद्धालुओं द्वारा घाटों की साफ-सफाई जोरों पर है. वहीं न्यू कॉलोनी में साक्षात नरक का दर्शन होता है. स्थानीय पूनम देवी कहती हैं कि अगर यही हाल रहा […]
सुपौल : इस बार मुख्यालय के वार्ड नंबर 07 स्थित न्यू कॉलोनी के लोग गंदगी के बीच ही छठ घाट तक जाएंगे. एक तरफ अभी से ही श्रद्धालुओं द्वारा घाटों की साफ-सफाई जोरों पर है. वहीं न्यू कॉलोनी में साक्षात नरक का दर्शन होता है. स्थानीय पूनम देवी कहती हैं कि अगर यही हाल रहा तो श्रद्धालुओं को अर्घ्य के लिये नाक पर रूमाल रख कर जाना होगा. यहां बता दें कि नगर परिषद, सुपौल जन सुविधाओं के विकास के मामले में सूबे में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है.
इसे नगर विकास व आवास विभाग द्वारा आदर्श नगर परिषद घोषित किया गया है. लेकिन सच्चाई कुछ और है. मुहल्ले वासियों का कहना है कि इस वार्ड में सच्चाई से इतर विकास के गीत गाये जा रहे हैं. न्यू कॉलोनी में गंदे जल की निकासी अब भी एक समस्या बनी हुई है. कई जगहों पर नाले के ढक्कन टूट रहे हैं सो अलग. लोगों ने बताया कि यहां नप को ध्यान देने की जरूरत है.
सूबे के चर्चित लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की नाच पार्टी का ह्यसाटाह्ण करने के लिए जब कोई आते थे तब वे अनुबंध पत्र पर लिखते थे ह्यमालिक (जमींदार) आउर भगवान से बाचब तो तोहरा मेहफिल में नाचब हूं कहने का अर्थ यह कि पहले नाच-गान करने वाले लोग भी वादा करने में सावधानी बरतते थे. लेकिन अब स्थिति अलग है. चुनाव आता है,
प्रत्याशी आते है. तरह-तरह के वादे ; लेकिन वादों पर अमल नहीं होता. तमाम वादे ताश के महल की तरह बिखर जाते हैं और वार्ड वासियों को नरक भोग भोगने के लिए छोड़ दिया जाता है. सचमुच अगर वादों पर अमल होता तो लोगों को बारिश के बाद पेंट मोड़ कर नहीं चलना पड़ता. स्थानीय नवनीता सिंह गुड्डी ने बताया कि स्टेशन से सटे न्यू कॉलोनी में लोगों को हवा चलने के बाद उबकाई आने लगती है.
विकल्प का अभाव है और घर में रहना मजबूरी सो ना चाहते हुए भी दुर्गंध का सामना करना पड़ता है. आनंद कुमार झा ने कहा कि साल-दर-साल से ऐसी स्थिति है. कोई देखने-सुनने वाला नहीं है. कुल मिला कर भले ही हुजूर के फाइलों में शहर का मौसम गुलाबी हो, मगर वस्तु स्थिति का अवलोकन के बाद यह कहा जा सकता है कि आंकड़े झूठे हैं दावा किताबी है.