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त्योहारों में नकली मिठाइयों से बचकर रहें

सुपौल : दुर्गापूजा, दीपावली, धनतेरस और छठ में मिठाइयों की डिमांड बढ़ जाती है. पर्व को लेकर लोगों द्वारा मिठाइयों की जमकर खरीदारी की जाती है. पर्व व त्योहारों के मौके पर मिठाइयों की खरीद व प्रयोग जरा संभलकर ही करनी चाहिए. पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि पर्व त्योहारों के मौके […]

सुपौल : दुर्गापूजा, दीपावली, धनतेरस और छठ में मिठाइयों की डिमांड बढ़ जाती है. पर्व को लेकर लोगों द्वारा मिठाइयों की जमकर खरीदारी की जाती है. पर्व व त्योहारों के मौके पर मिठाइयों की खरीद व प्रयोग जरा संभलकर ही करनी चाहिए. पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि पर्व त्योहारों के मौके पर मिठाई माफिया द्वारा घातक रसायन को मिलाकर नकली मिठाई, खुआ, पनीर और दूध बनाकर बेचे जाते हैं. ऐसे कारोबारियों की दुकानों पर छापेमारी होने के बावजूद भी नकली मिठाई बेचने वाले धंधेबाजों में कमी नहीं आयी.

दीपावली और होली में बीते कुछ साल पहले जिला प्रशासन के सहयोग से फूड विभाग ने मिठाई दुकानों का सैंपल इकट्ठा किया था. जिसमें नकली मिठाई बिक्री का मामला पकड़ में आया था. लेकिन विभाग ने अभी तक मामले में कितनी कार्रवाई की इसकी खुलासा नहीं किया गया है. आमतौर पर देखा जाये तो धार्मिक पर्व त्योहारों में मिठाई की डिमांड ज्यादा रहने के कारण बाजारों में धंधेबाज मिलावटी सामान बेचकर अधिक मुनाफा कमाने की फिराक में रहते हैं. सूत्रों की मानें तो इस तरह के धंधेबाज ने शहर की कई मिठाई दुकानों तक अपनी पैठ बना ली है. कई दुकानों के बारे में यह भी चर्चा है कि ये बिना निबंधन के चल रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक शहर में पांच दर्जन से अधिक मिठाई की दुकानें हैं.

मिलावटी खाद्य पदार्थ का निर्माण कानूनी रूप से अवैध है. इस प्रकार के मामले पकड़े जाने पर दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. त्योहार के मौसम में मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थों की जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर को निर्देश दिया गया है.
अरुण कुमार, प्रभारी एसडीओ, सुपौल
इन मिठाइयों में होती है अधिक मिलावट
खुआ से बने बरफी, मिल्क केक, डोडा बरफी तथा छेना से बने कई मिठाइयों में मिलावट का खतरा अधिक रहता है. सूत्रों की मानें तो इन दिनों बूंदी से बने लड्डू व सूखे मेवा से बने मिष्ठान भी मिलावट के खतरे से अछूते नहीं हैं. बड़े पैमाने पर बूंदी तैयार करने के लिये सिंथेटिक केमिकल का सहारा लिया जाता है.
दूध में भी चलता है मिलावट का खेल
छेना और पनीर की मिठाई बनाने में दूध का प्रयोग होता है. इस कारण दूध में भी मिलावट किया जाता है. जानकारों की माने तो यूरिया, पाउडर, उजला खल्ली सहित अन्य कैल्सियम मिलाकर दूध को गाढ़ा बना कर बाजारों में बेचा जाता है. यह मिठाई को नुकसान पहुंचाता है तथा इसे खाने से लोग बीमारियों के चपेट मे आ जाते हैं. गौरतलब है कि पर्व त्योहार के मौके पर दूध की डिमांड बढ़ जाती है. लिहाजा फर्जी कारोबारी ऐसे मौके का फायदा उठाते हैं.
जानकारों की माने तो नकली मिठाई बनाने के लिये सिथेंटिक दूध में फार्मलीन जैसे घातक रासायन को मिलाया जाता है. चिकित्सकों के अनुसार इससे लीवर को नुकसान होता है और आंतो में सूजन, पेट दर्द, उल्टी और भूख न लगने की बीमारी उत्पन्न होती है.

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