परेशानी. तीन राहत शिविर बंद, बाढ़ पीड़ित लौटने लगे अपने-अपने घर
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बाढ़ ने बिगाड़ दी सड़कों की सूरत
परेशानी. तीन राहत शिविर बंद, बाढ़ पीड़ित लौटने लगे अपने-अपने घर तटबंध के बाहर जीवन बसर कर रहे परिवारों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. लोगों के समक्ष अपने-अपने परिवारों की स्थिति को सुधारने के साथ ही मवेशियों की सुरक्षा एक बड़ी समस्या हो गयी है. सुपौल : कोसी बांध के भीतर के विभिन्न पंचायतों में आई […]
तटबंध के बाहर जीवन बसर कर रहे परिवारों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. लोगों के समक्ष अपने-अपने परिवारों की स्थिति को सुधारने के साथ ही मवेशियों की सुरक्षा एक बड़ी समस्या हो गयी है.
सुपौल : कोसी बांध के भीतर के विभिन्न पंचायतों में आई बाढ़ व भारी बारिश ने कई सड़कों की सूरत बिगाड़ दी है. आज की तारीख में भी तटबंध के बाहर जीवन बसर कर रहे परिवारों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. लोगों के समक्ष अपने-अपने परिवारों की स्थिति को सुधारने के साथ ही मवेशियों की सुरक्षा एक बड़ी समस्या आन पड़ी है. स्थानीय प्रशासन की लचर व्यवस्था से आहत लोगों का कहना है कि उनलोगों ने अपना भविष्य अब भगवान भरोसे छोड़ दिया है. साथ ही तटबंध के भीतर के लोगों की स्थिति ऐसी बनी है कि पानी के सूखने के बाद अब लोगों को जर्जर सड़क के सहारे आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि कोसी की बाढ़ से लोगों का घर बार-तबाह हो गया. पूरे परिवार समेत बाढ़ प्रभावितों को अपना अशियाना छोड़ कर अन्यत्र शरण लेना पड़ा. जहां प्रशासन द्वारा बाढ़ से तबाह हुए 07 हजार 500 परिवारों के बीच पॉलीथिन का वितरण किया गया. साथ ही अलग- अलग पांच स्थानों पर राहत शिविर भी संचालित किया गया. इधर जब जलस्तर में कमी आई तो कई विस्थापित परिवार अपने घर लौटने लगे. जिसके बाद मध्य विद्यालय नरही एवं मध्य विद्यालय नौआबाखर एवं मध्य विद्यालय डुमरिया में संचालित राहत शिविर को बंद कर दिया गया. राहत शिविर बंद होने के साथ ही यातायात की समस्या से जूझ रहे परिवार खुद से सड़क संपर्क बनाने के जुगाड़ में जुट गये हैं.
कच्ची सड़क के साथ-साथ पक्की सड़क की भी स्थिति बदतर है. हाल ही में बनाये गये कोसी बांध से मौजहा, दुबियाही जाने वाली पक्की सड़क बाढ़ की चपेट में आने से जर्जर हो चुका है. वहीं पीरगंज और ठाढ़ीधाता के बीच बना पुलिया ध्वस्त हो गया. साथ ही बांध के किनारे बने उक्त सड़क में सांसद योजना से बने पुल के दोनों किनारे मिट्टी के बह जाने से रास्ता अवरुद्ध हो गया है. जिसे तत्काल दोनों ओर मिट्टी डाल कर भरवाने का कार्य कराया जा रहा है.
सड़क संपर्क भंग हो जाने से आवागमन में हो रही है परेशानी
राहत शिविर के बंद होने के बाद कई पीड़ितों ने बताया कि सड़क संपर्क के भंग हो जाने से आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. नाव के सहारे अपने – अपने घर लौटने पर विवश होना पड़ रहा है. बताया कि लोगों के घरों के आसपास गंदा पानी फैले रहने से अब सरांध का सामना करना पड़ेगा. साथ ही उक्त सरांध से महामारी फैलने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता. उन्होंने स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से मांग करते हुए कहा कि उक्त समस्या से निजात दिलाये जाने की दिशा में अविलंब पहल करना चाहिए. ताकि लोगों को आवाजाही में परेशानी ना हो.
कहते हैं बीडीओ
किसनपुर बीडीओ अलीशा कुमारी ने बताया कि सभी पंचायतों से क्षतिग्रस्त सड़कों का सूची मांगी गयी है. बताया कि अब तक 11 पंचायतों की सूची कार्यालय को प्राप्त हो चुका है. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत पोषित सड़क को 14वीं वित्त योजना मद की 20 प्रतिशत राशि से बनाया जाएगा. जबकि ग्रामीण कार्य विभाग के सड़क को संबंधित विभाग द्वारा बनवाया जायेगा.
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