प्रतिनिधि दरौली. समीपवर्ती यूपी के बलिया व सीवान जिला को जोडने वाला सरयू नदी पर निर्माणाधीन पुल आठ वर्ष बाद भी नहीं बन सका है. पुल निर्माण की शुरुआत 2016 में हुई थी. पुल को दिसम्बर 2022 में ही तैयार करना था. कुछ दिन बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा समय सीमा बढ़ाकर दिसंबर 2024 तक कर दिया गया. इसके बावजूद भी अभी तक पुल के सभी पिलरों का निर्माण नहीं हो सका है. विभाग के अनुसार तकनीकी अड़चनों और नदी में बढ़ते कटान के कारण काम की रफ्तार धीमी हो गयी थी. नदी के पानी बढ़ने से हुई कटान के बाद रुड़की से आई तकनीकी टीम ने सर्वे किया. टीम ने माना कि नौ पिलर बढाया जाना आवश्यक है. इन पिलरों को बढ़ाने के लिए रिवाइज्ड ऐस्टीमेट बनाकर विभाग को भेजा जा रहा है. सर्वे के अनुसार इस पक्का पुल के निर्माण में कुल 39 पिलरों की जरूरत है. जिसमें से अभी तक केवल 26 पिलरों का ही निर्माण कार्य पूरा हो सका है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पुल की लंबाई 1275 मीटर निर्धारित की गई थी. लेकिन प्रत्येक वर्ष सरयू के लहरों से हो कटान ने पुल के वास्तविक परियोजना को काफी प्रभावित किया है. परियोजना में सेतु निगम द्वारा पुल की लंबाई बढ़ाने को लेकर प्रशासन को प्रस्ताव भी भेजा है. अब पुल 1275 मीटर बढ़कर 2550 मीटर का हो जाएगा. इस पर 198 करोड़ व कटान से एप्रोच की सुरक्षा के लिए गाइड बंधा व सड़क चौड़ीकरण पर 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च होगा. गाइड बंधे की डिजाइन बीएचयू की आईआईटी की टीम बना रही है. वर्षों पुरानी मांग पूरी नही होने से लोगों में आक्रोश जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 से ही इस सरयू नदी पर दो प्रदेशों को जोड़ने वाला पक्का पुल के निर्माण की मांग हो रही थी वर्ष 2016 में यूपी के सिकन्दरपुर के विधायक जियाउद्दीन रिजवी के अनुरोध पर यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुल बनाने का आश्वासन दिया था. आनन फानन में 17 करोड रुपए बजट देने के बाद शिलान्यास भी किया था. बिहार सरकार द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण काफी परेशानी हुई. बाद में दरौली विधायक सत्यदेव राम के प्रयास से एनओसी मिला. लेकिन धीमी गति से काम किए जाने व फिर नदी में बढ़ी पानी से हुई कटान के कारण पुल अब तक अधूरा है. पुल बनने से 50 किमी की दूरी हो जाएगी कम सरयू नदी पर पुल निर्माण से बलिया व सीवान की बीच की दूरी 50 किमी कम जायेगी. जिससे लोगों को समय के साथ साथ आर्थिक बचत होती. सिकन्दरपुर स्थानीय निवासी मदन राय ने बताया कि इस पुल के बन जाने से यूपी-बिहार के बीच की दूरी कम हो जायेगी. इससे व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और सिकंदरपुर बाजार को नया जीवन मिलेगा. रेल यातायात नहीं होने से इस पुल की बाट खोज रहे है लोग सरयू नदी पर दो प्रदेशों को जोड़ने के लिए लगभग आठ सालों से बन रहे पक्का पुल का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं होने से स्थानीय लोगों में बहुत ही निराशा है. जब पक्का पुल बनाने की बात आई थी, तो इलाके के लोग काफी खुश थे. वजह थी कि इस पूरे सिकंदरपुर विधानसभा में कही भी रेलवे लाइन नहीं है, और ट्रेन पकड़ने के लिए लोगों को काफी दूर की यात्रा करनी पड़ती है. शम्भू नाथ मिश्रा ने बताया कि इस पुल के निर्माण होने की खबर से हम लोगों मे बहुत ही खुशी थी. वजह थी कि इस पुल का निर्माण होने के बाद ट्रेन पकड़ने के लिए इस पुल के सहारे बिहार के मैरवा व सीवान से ट्रेन पकड़ने में सुगमता होती. इससे लोगों को काफी सहूलियत होती. लेकिन अब यह ठंडा बस्ता में चला गया है. विभागीय अधिकारी ने बताया कि जितना धन सरकार से अब तक प्राप्त हुआ है, उसी के अनुसार कार्य कराया गया है. जैसे ही शेष धनराशि प्राप्त होगी, आगे का कार्य तेज़ी से शुरू कर दिया जायेगा.
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