सीवान : रविवार से रहमत व बरकत का महीना रमजान शुरू हो गया. शनिवार की रात में चांद दिखने के बाद से रविवार को लोगों ने पहला रोजा रखा. शाम होते ही लोगों ने इफ्तार किया. इसको लेकर लोगों में काफी चहल-पहल देखने को मिली. इफ्तार व सहरी को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गयी है. सेवई, खजूर, फल-फुल, इत्र, टोपी सहित अन्य सामान की खरीदारी के लोगों की भीड़ उमड़ी रही.
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रहमत व बरकत का महीना रमजान शुरू
सीवान : रविवार से रहमत व बरकत का महीना रमजान शुरू हो गया. शनिवार की रात में चांद दिखने के बाद से रविवार को लोगों ने पहला रोजा रखा. शाम होते ही लोगों ने इफ्तार किया. इसको लेकर लोगों में काफी चहल-पहल देखने को मिली. इफ्तार व सहरी को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गयी […]
रोजा की अहमियत बहुत बड़ी : विशेष कर सेवई, खजूर, दूध व ठंडे पेय पदार्थो की दुकानों पर लोगों की भीड़ अधिक संख्या में जुटी रही. नगर के जेपी चौक, थाना रोड, स्टेशन रोड, अस्पताल रोड सहित अन्य स्थानों पर दुकानें सजी हुई हैं. रमजान शुरू होने पर मौलाना मंसूर ने कहा कि रोजा की अहमियत बहुत बड़ी है. रोजा सीधे तौर पर अल्लाह के साथ बंदों के रिश्तों को न सिर्फ जोड़ता है, बल्कि और मजबूत भी करता है. साल के सभी महीनों में सबसे अफजल रमजान का महीना है.
उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में अल्ला रहमतों और बरकतों की बरसात करते हैं. एक के बदले सत्तर नेकियां (पुण्य) मिलते हैं. रोजा की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह पूरा महीना इबादत का है. उन्होंने कहा कि वैसे भी दुनिया के प्राय: सभी धर्मों में उपवास की अनिवार्यता है. बस फर्क यह है कि इसकी अदायगी का तरीका अलग-अलग है. मुसलिम धर्मावलंबी, जहां इसे रोजा कहते हैं. वहीं, हिंदू धर्म में उसे उपवास और व्रत कहते हैं.
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