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शराब मामलों का नहीं शुरू हुआ ट्रायल

उदासीनता. शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों की फेहरिस्त हुई लंबी सीवान : पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के एक वर्ष में कानून के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है.अनुमान के मुताबिक लंबित मुकदमों की संख्या दो हजार 500 के पार है. इन मामलों की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई […]

उदासीनता. शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों की फेहरिस्त हुई लंबी

सीवान : पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के एक वर्ष में कानून के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है.अनुमान के मुताबिक लंबित मुकदमों की संख्या दो हजार 500 के पार है. इन मामलों की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं होने से एक नयी परेशानी उत्पन्न हो रही है. हालात बताते हैं कि अगर यही हाल रहा, तो ऐसे मुकदमों के सुनवाई में एक दशक से भी अधिक का वक्त लग सकता है.
बिहार सरकार के नया उत्पाद अधिनियम 2016 लागू होने के बाद कई प्रमुख निर्णय लिये गये थे. इनमें कानून के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों का त्वरित निस्तारण पर जोर देते हुए विशेष अदालत के गठन का निर्णय लिया गया. लेकिन, इस पर त्वरित अमल नहीं हुआ. लिहाजा, लगातार मुकदमों की संख्या बढ़ती गयी. आखिरकार, एक वर्ष गुजरने के बाद सरकार ने सभी जिलों में विशेष अदालत के गठन के साथ सुनवाई की जिम्मेवारी द्वितीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश को दी है. इस क्रम में यहां के द्वितीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार दूबे इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं.
दो सौ से अधिक जब्त वाहन का नहीं हो सका निर्णय : सरकार के नये कानून के मुताबिक शराब के साथ बरामद वाहनों को मुक्त करने के बजाय नीलाम किया जाना है. इसकी सुनवाई जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में चल रही है. हाल यह है कि अब तक मात्र 10 वाहनों की नीलामी का स्थानीय न्यायालय ने आदेश जारी किया है. इसके खिलाफ इन वाहनों के मालिक द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है, जहां सुनवाई लंबित है. सख्ती की तसवीर पेश करने का कानून का मकसद यहां बाधित हो रहा है. आंकड़ों के मूल्यांकन के अनुसार, अब तक धरातल पर एक भी वाहन नीलाम नहीं हो सका है.
जब्त शराब को ऐसे किया जाता है नष्ट : पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा जब्त की गयी शराब को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में नष्ट करने का प्रावधान है. इसके मुताबिक जिस थाना क्षेत्र में शराब बरामद होती है, वहां के पुलिस इंस्पेक्टर, उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर के साथ दंडाधिकारी के देखरेख में वीडियोग्राफी करायी जाती है. इसके बाद उसे वहीं नष्ट कर दिया जाता है. उत्पाद विभाग के अधीक्षक अविनाश प्रकाश ने कहा कि अब तक हमारे विभाग द्वार ढाई हजार लीटर से अधिक शराब निर्धारित प्रक्रिया के तहत नष्ट करायी जा चुकी है. यह कार्य यहां हाजत के बगल में होता है. हालांकि निर्धारित प्रक्रिया के अनुपालन पर शुरू से ही उंगली उठती रही है.
विशेष अदालत में लंबित हैं दो हजार 500 मामले
कर्मियों की कमी आ रही सुनवाई में आड़े
लंबित मुकदमों के मामले में जानकारों का मानना है कि विलंब से विशेष अदालत का गठन किया गया. इस कारण मुकदमों की संख्या बढ़ती गयी. दूसरी तरफ इस कोर्ट में अन्य मामलों की संख्या भी एक हजार से अधिक है, जहां हत्या, जानलेवा हमला, दहेज हत्या, जमीन संबंधित विवाद की सुनवाई होती है. ऐसे में कोर्ट पर पहले बरकरार मुकदमों के बोझ के साथ यह अतिरिक्त जिम्मेवारी आ पड़ी है. इसमें कर्मियों की कमी बाधक साबित हो रही है.
नयी जिम्मेवारी के बाद भी कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ी है. इधर, विशेष अदालत में ही शराब से संबंधित सभी मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई यहीं हो रही है. इसमें कोर्ट की व्यस्तता रहना स्वाभाविक है. इन सारे हालात में शराब संबंधित मुकदमों के जल्द निस्तारण की उम्मीद कम होना स्वाभाविक है.
सुनवाई में आयेगी तेजी
विशेष अदालत के गठन के बाद अब सुनवाई में तेजी आयेगी. इसके तहत सबसे पहले कोर्ट में आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी करायी जायेगी. जब्त वाहन की नीलामी की सुनवाई जिला दंडाधिकारी के कोर्ट में चल रही है, जहां मामलों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है.
अविनाश प्रकाश, अधीक्षक,उत्पाद विभाग, सीवान

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