श्रद्धांजलि. अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हजारों लोग, शव आते ही गांव में कोहराम
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तीसरे दिन बीएसएफ के जवान का पहुंचा शव
श्रद्धांजलि. अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हजारों लोग, शव आते ही गांव में कोहराम सीवान : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेघर सेक्टर में गोली लगने से शहीद हुए प्रमोद कुमार यादव का शव तीसरे दिन मंगलवार की तड़के मोहम्मदपुर गांव पहुंचा. इसके पहले से ही यहां अपने लाल के अंतिम दर्शन […]
सीवान : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेघर सेक्टर में गोली लगने से शहीद हुए प्रमोद कुमार यादव का शव तीसरे दिन मंगलवार की तड़के मोहम्मदपुर गांव पहुंचा. इसके पहले से ही यहां अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए आसपास के भी हजारों लोग मौजूद थे. शव आते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया. हर कोई प्रमोद के अंतिम दर्शन के लिए आतुर था.
राजकीय सम्मान के बीच हुआ अंतिम संस्कार
राजकीय सम्मान के बीच देर शाम प्रमोद यादव का अंतिम संस्कार गांव के बाहर किया गया. इस दौरान एनडीआरएफ के जवानों ने अंतिम सलामी दी. मौके पर हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे. दिवंगत प्रमोद को मुखाग्नि बड़े भाई कैलाश ने दी.
मौत के पीछे के रहस्य को लेकर लोगों में आक्रोश, विरोध में किया रोड जाम
आत्महत्या की सूचना पर भड़के ग्रामीण
कल तक परिजन प्रमोद के पुंछ जिले के मेघर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान आतंकियों की गोली का शिकार होने की बात कह रहे थे, लेकिन सुबह शव आने पर टीम के साथ आये बीएसएफ के एसआइ जितेंद्र प्रसाद ने स्वयं गोली मार कर प्रमोद के आत्महत्या कर लेने की सूचना दी. मौके पर पूर्व मंत्री अवध बिहारी चौधरी के साथ मौजूद ग्रामीण आत्महत्या की सूचना को गलत बताते हुए मौत के पीछे के रहस्य को लेकर आक्रोशित हो गये. पार्थिव शरीर के साथ आये एनडीआरएफ व बीएसएफ के जवानों को कई बार ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा.
शव के साथ आयी एनडीआरएफ की टीम
बीएसएफ के 200 वीं बटालियन जम्मू में तैनात मोहम्मदपुर गांव के प्रमोद कुमार यादव की गोली लगने से मौत की खबर रविवार की सुबह नौ बजे परिजनों को मिली थी. प्रमोद के भाई कैलाश के मुताबिक बीएसएफ के 200 वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट योगेंद्र पाल ने पहले घायलावस्था में भरती होने तथा दो घंटे बाद मौत की सूचना दी थी. इसके बाद मुख्यालय ने ही शव पैतृक गांव भेजे जाने की जानकारी दी. इसके अनुसार एक दिन पूर्व जम्मू से हवाई मार्ग से प्रमोद का पार्थिव शरीर पटना लाया गया, जहां दानापुर स्थित एनडीआरएफ की टीम के साथ सड़क मार्ग से गांव पहुंचा. सुबह सात बजे शव के आने के पूर्व ही काफी संख्या में लोग मौके पर मौजूद थे.
बीएसएफ की टीम ने अपने हेडक्वार्टर के अधिकारियों द्वारा दिये गये 25 हजार रुपये परिजनों की दिये.
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