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लो वोल्टेज से मिलेगी निजात

शेष बचे तार की की जायेगी केबलिंग एक अतिरिक्त पावर सब स्टेशन के लिए जमीन की तलाश जारी सीवान : लो-वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों को इस गरमी में निजात मिलेगी. इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आइपीडीएस) के तहत बड़े पैमाने पर कार्य किये जा रहे हैं. मार्च के प्रथम सप्ताह से कार्य प्रारंभ […]

शेष बचे तार की की जायेगी केबलिंग
एक अतिरिक्त पावर सब स्टेशन के लिए जमीन की तलाश जारी
सीवान : लो-वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों को इस गरमी में निजात मिलेगी. इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आइपीडीएस) के तहत बड़े पैमाने पर कार्य किये जा रहे हैं. मार्च के प्रथम सप्ताह से कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. सप्लाइ विभाग ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रोजेक्ट विभाग को सौंप दी है. प्रोजेक्ट ने सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है.
बताते चलें कि विगत कुछ सालों से शहरवासियों को लो-वोल्टेज की शिकायत रही है. खास कर गरमी के मौसम में लोगों को लो-वोल्टेज की समस्या से जूझना आम बात रही है. ऐसे में विभाग द्वारा इस शिकायत को दूर करने प्रयास किया जा रहा है. आपूर्ति विभाग ने शहरी क्षेत्र के 60 स्थानों पर नये ट्रांसफाॅर्मर लगाने या उसकी क्षमता विस्तार का फैसला किया है. इस संबंध में प्रोजेक्ट को अपनी सूची सौंप दी गयी है. क्षमता विस्तार का काम इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आइपीडीएस) के द्वारा किया जायेगा, जो प्रोजेक्ट के तहत संपादित होगा.
शहरी क्षेत्र के कनीय अभियंता आदर्श कुमार ने बताया कि इसके द्वारा 100 की जगह 200 केवीए तथा 200 की जगह 315 केवीए का ट्रांसफाॅर्मर लगाया जायेगा. जगह मिलने पर नये ट्रांसफाॅर्मर भी लगाये जायेंगे. उन्होंने बताया कि सूची प्रोजेक्ट को सौंप दी गयी है. वहीं, दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में शेष बचे एलटी तार सहित चार किलोमीटर के दायरे में 11 हजार वोल्ट के तार की केबलिंग भी की जायेगी.
प्रोजेक्ट के कनीय अभियंता ऋषभ कुमार ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर विस्तार के संबंध में सप्लाइ विभाग से पत्र प्राप्त हुआ है. इस पर मार्च के प्रथम सप्ताह से कार्य शुरू होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के तौर पर कार्य संपादित किया जायेगा. बजट का भी ख्याल रखा जायेगा. श्री कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र के लिए एक और पावर सब स्टेशन बनाने की बात चल रही है.
जमीन के लिए अंचलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. बताते चलें कि मौजूदा समय में शहरी क्षेत्र में कुल उपभोक्ताओं की संख्या 26 हजार से ज्यादा है, जहां औसतन 50 लाख यूनिट से अधिक बिजली की खपत होती है. गरमी के दिनों में यह बढ़कर 60 से 65 लाख यूनिट हो जाता है. ऐसे में पूर्व के संसाधन पूर्ण नहीं होने के कारण लोगों को लो-वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ता है.

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