सीवान : रक्त खरीदने व बेचने का कारोबार हर शहर में है. लेकिन, यहां सदर अस्पताल परिसर ही इन दिनों खून बेचने के धंधेबाजों का अड्डा बन गया है. धंधे में करीब आधा दर्जन ऐसे युवक हैं, जो लोगों को अपना खून बेच रहे हैं. इसके बाद भी स्वास्थ्य प्रशासन लापरवाह बना हुआ है. सदर अस्पताल के ब्लड बैंक को जानेवाले मुख्य गेट के पास शेड में बैठे रहते हैं, जब कोई मरीज का परिजन परचा लेकर ब्लड बैंक की ओर तेजी से जाता है, तो उससे दौड़ कर पूछते हैं कि ब्लड चाहिए क्या?
अगर परिजन ने हां कहा, तो धंधेबाज उसे बगल में ले जाते हैं तथा सौदा तय करते हैं. सौदा तय होने के बाद धंधेबाज पैसे लेता है. सौदा 45 सौ से लेकर छह हजार के बीच निश्चित रूप से तय हो जाता है. ब्लड लेनेवाले व्यक्ति को ब्लड बैंक में ले जाकर अपने का मरीज का संबंधी बताता है. ब्लड देने के बाद धंधेबाज दूसरे मरीज को पटाने में जुट जाते हैं. धंधेबाजों को देखने से ऐसा लगता है कि सभी किसी न किसी प्रकार के ड्रग्स का सेवन करते हैं,
क्योंकि उनके हाथों पर काले-काले इंजेक्शन लेने के धब्बे स्पष्ट दिखाई देते हैं. सदर अस्पताल परिसर में खून का धंधा होता है तथा अस्पताल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है. वहीं, सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा ने सदर अस्पताल परिसर में खून के धंधेबाजों के सक्रिय होने की बात को गलत ठहराया.