चिंताजनक. सीवान में तेजी से फैल रहा चिकेन पॉक्स, हुसैनगंज के चार गांवों में है महामारी जैसी स्थिति
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चिकेन पॉक्स से दर्जनों अाक्रांत
चिंताजनक. सीवान में तेजी से फैल रहा चिकेन पॉक्स, हुसैनगंज के चार गांवों में है महामारी जैसी स्थिति अाक्रांत होनेवालों में सबसे अधिक दस वर्ष से कम उम्र के हैं बच्चे जिले में चिकेन पॉक्स ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. इससे अब तक दर्जनों लोग आक्रांत हो चुके हैं. वहीं, इससे […]
अाक्रांत होनेवालों में सबसे अधिक दस वर्ष से कम उम्र के हैं बच्चे
जिले में चिकेन पॉक्स ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. इससे अब तक दर्जनों लोग आक्रांत हो चुके हैं. वहीं, इससे लोगों में भय का माहौल बन गया है. सबसे ज्यादा आक्रांत 10 साल से कम उम्र के बच्चे हो रहे हैं. हुसैनगंज के चार गांवों में चिकेन पॉक्स का कहर तेजी से फैला है.
सीवान :जिले में चिकेन पॉक्स (छोटी माता) के प्रकोप से करीब पांच दर्जन से अधिक लोग अाक्रांत है. वैसे तो यह बीमारी सभी शहरी एवं देहाती क्षेत्रों में कई माह से फैली हुई है, लेकिन हुसैनगंज प्रखंड के नवलपुर, छाता, छपिया और मचकना गांवों में करीब पांच दर्जन से अधिक लोग चिकेन पॉक्स से अाक्रांत है.
अाक्रांत होनेवालों में अस्सी प्रतिशत से अधिक छह माह से लेकर दस साल के बच्चे शामिल हैं. लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा प्रभावित गांवों में मात्र दौरा कर खानापूर्ति की जा रही है.
अाक्रांत होनेवालों में हसैनगंज प्रखंड के नवलपुर गांव में सरिता कुमारी(12), सोनाली कुमारी(15), रुबी कुमारी(06), सुधीर कुमार(09 माह), रामेश्वर राम (18), आदित्य कुमार(05), अभय प्रसाद (30), उजमा परवीन (07),इनाम प्रवीन(08), शबाना खातून (12), धर्मेंद्र साह (40), ममता देवी(35), नेदा परवीन(07माह), अतिया परवीन(05), एआर रहमान (2.5),महक परवीन(13),सलेहा खातून(30), सुफिया(3.5), अबिदा खातून(07),अन्नु कुमारी(13), आलोक कुमार यादव(15), दुर्गावती (06 माह), असगर हुसैन(14), जैतून(30), समीना(05), मोहम्मद(12), आरती कुमारी(05), रब्बे आलम(08), प्रभु साह(30), रुखसाना(08), जितेंद्र (18), अनिल चौधरी(13), रब्बु आलम(04), रोशनी(04), नीतीश कुमार(08), सुगीता देवी(25), मन्नु कुमार (08) तथा अरनव राज (12) शामिल हैं.
कैसे होता है चिकेन पॉक्स : चिकेन पॉक्स वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस के संक्रमण से होनेवाली बीमारी है. यह बीमारी बहुत ही संक्रामक होती है. यह संक्रमित निसृत पदार्थों को सांस के अंदर ले जाने से फैलती है. इसमें बुखार आ जाता है और शरीर में चकत्ते निकल आते है. इसके कारण शरीर में तेज खुजली होती है. इसके अलावा त्वचा में बैक्टिरियल संक्रमण, निमोनिया और मस्तिष्क में सूजन भी चिकेन पॉक्स के लक्षण हैं.
बच्चों आैर युवाओं में इस बीमारी के होने का खतरा अधिक रहता है. ठंड समाप्त होने के बाद गरमी की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में अगर शरीर का ध्यान ठीक से नहीं रखा जाये, तो कई वायरल बीमारियां जैसे चिकेन पॉक्स, खसरा, कालाजार और डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन बच्चों में चिकेन पॉक्स होने का खतरा अधिक होता है. अधिकांशत: एक से दस साल के बच्चों में चिकेन पॉक्स होने की संभावना अधिक होती है. खानपान में आयी अनियमितता भी चिकेन पॉक्स होने का कारण हो सकती है.
चिकेन पॉक्स के लक्षण: शरीर में तेजी के साथ लाल दाने निकल आना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है.
सावधानियां
चिकेन पॉक्स को कुछ लोग दैवीय प्रकोप समझते हैं, जो गलत है.
चिकेन पॉक्स होने पर तैलीय भोजन से बचना चाहिए
इस दौरान बुखार होने पर एस्प्रिन का सेवन नहीं करना चाहिए
पॉक्स होने पर बाहर और भीड़ वाली जगह पर जाने से करें परहेज
निम्न आयुर्वेदिक इलाज से मिल सकती है राहत:-
*नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर पानी ठंडा कर नहाने से खुजली से मिल सकती है राहत
सब्जी, फल और नींबू का रस पीने से चिकेन पॉक्स में राहत मिलती है
विटामिन इ युक्त तेल शरीर में लगाने से मिलेगी राहत
गाजर चिकेन पॉक्स में बहुत लाभकारी होता है. उबले गाजर ओर धनिया को खाने से चिकेन पॉक्स से आयी कमजोरी में कमी होगी. धनिया व गाजर का सूप बना कर पीने से राहत मिलेगी.
लाल चकत्तों पर शहद लगाएं. इससे लाल चकत्ते खत्म हो जायेंगे
क्या कहते हैं सीएस शिवचंद्र झा
स्वास्थ्य विभाग का काम है कि संक्रमित लोगों को सेकेंडरी इन्फेक्शन नहीं होने से बचाने का. इसके लिए मेडिकल टीम प्रभावित गांवों में गयी है तथा लोगों को इस बीमारी से बचाव करने के संबंध में जागरूक कर रही है.
होमियोपैथिक से हो सकता है इलाज
दि होमियोपैथक मेडिकल एसोसिएशन, सीवान के अध्यक्ष डाॅ यतिंद्र नाथ सिन्हा ने कहा कि मिजल्स व चिकेन पाॅक्स का इलाज होमियोपैथिक में है. रोजाना इसके पीड़ित मरीज आ रहे हैं.
मिजल्स होने पर लोगों को होमियोपैथिक की दवा जेल्सिनियम 3x, बेलाडोना 30, ब्रायोनिया, आर्सेनिक अल्ब 30 इपिकैक 30 आदि लेना चाहिए. वहीं, इसके बचाव के लिए मौरबिलिनम 200 की खुराक लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चिकेन पाॅक्स होने पर रस टॉक्स 200, हीपर 200, साइलेशिया 200 आदि दवा लेनी चाहिए. लक्षण के अनुसार मिजल्स का दवा इसमें चलता है. इसके बचाव के लिए वैरियोलिनम 200 की खुराक लेनी चाहिए. वैसे नजदीकी चिकित्सक से अवश्य दिखाएं.
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