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धान खरीद लक्ष्य से 82 फीसदी दूर

उदासीनता. धान खरीद में पिछड़ने पर विभाग ने कहा, कम उत्पादन के चलते पड़ा प्रतिकूल असर एक पखवारे में साढ़े 70 हजार एमटी खरीद करना हुआ मुश्किल जिले काे धान खरीद के लिए मिले निर्धारित लक्ष्य के महज 18 फीसदी की खरीदारी होना काफी चिंताजनक माना जा रहा है. इससे तरह-तरह के सवाल उठ रहे […]

उदासीनता. धान खरीद में पिछड़ने पर विभाग ने कहा, कम उत्पादन के चलते पड़ा प्रतिकूल असर
एक पखवारे में साढ़े 70 हजार एमटी खरीद करना हुआ मुश्किल
जिले काे धान खरीद के लिए मिले निर्धारित लक्ष्य के महज 18 फीसदी की खरीदारी होना काफी चिंताजनक माना जा रहा है.
इससे तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं, इस स्थिति के लिए सहकारिता विभाग व कृषि विभाग एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ कर बचाव कर रहे हैं. बहरहाल, कारण जो भी हो, किसानों को इसका लाभ नहीं मिला, यह तय है. सबसे हास्यास्पद यह आंकड़ा है कि 72 क्रय केंद्रों में एक छटाक धान की भी खरीदारी नहीं हुई.
सीवान : धान खरीद के लक्ष्य को पूरा करने को लेकर तमाम विभागीय कसरत के बाद भी प्रगति निराशाजनक रही है. अब तक लक्ष्य से खरीद तकरीबन 82 फीसदी दूर है. ऐसे में सहाकारिता विभाग खरीद की खराब प्रगति के लिए गिनाये जा रहे विभिन्न कारणों में कम उत्पादन को प्रमुख मान रहा है.
विभाग के इन सवालों के चलते कृषि विभाग के उत्पादन को लेकर किये गये आकलन पर सवाल उठना स्वाभाविक है. फिलहाल लक्ष्य पूरा नहीं होना जहां तय माना जा रहा है, वहीं सहकारिता विभाग व कृषि विभाग ने एक-दूसरे पर जिम्मेवारियों का ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है.
72 केंद्रों ने एक छटाक भी नहीं की खरीद : पैक्स व व्यापार मंडल की धान खरीद में लापरवाही पर विभाग के डंडा चलाने की तमाम चेतावनी के बाद भी धरातल पर फरमान बेअसर रहा.
31 मार्च को खरीद की डेड लाइन है. इस अवधि तक विभाग ने 86 हजार एमटी खरीद का लक्ष्य तय किया था. वहीं, 15 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक मात्र 15 हजार 357 एमटी ही खरीदारी हुई है. जिले की 315 पैक्स व व्यापार मंडल में से मात्र 243 केंद्रों ने ही खरीद में हिस्सा लिया. इसके आधार पर आंकड़े बता रहे हैं कि 72 केंद्रों ने एक भी छटाक धान की खरीद भी नहीं की है.
मात्र तीन हजार 297 किसानों से हुई खरीद : धान खरीद को लेकर आला अफसरों के भारी दबाव के बाद भी हाल यह है कि अधिकरतर किसानों ने बिक्री के प्रति रुचि नहीं दिखयी.
लोगों का यह भी कहना है कि बिचौलियों के माध्यम से कैश धान की बिक्री जोरों पर रही. इसके प्रति किसानों ने अधिक दिलचस्पी दिखायी. इसका नतीजा है कि क्रय केंद्रों पर मात्र 3 हजार 297 किसानों ने ही अब तक अपने धान को बेचा है.
उत्पादन कम होने से कम हुई खरीद : धान खरीद अब तक तकरीबन 18 फीसदी होने पर कार्रवाई का डर विभाग को सताने लगा है. इसके चलते अब चर्चा है कि विभाग अपनी नाकामी छिपाने के लिए कम उत्पादन का बहाना बना रहा है. कम उत्पादन के चलते लक्ष्य पिछड़ने का मामला कितना सही है, यह तो जांच का विषय है.
इसके बाद भी आंकड़े तो यह बता रहे हैं कि खरीद के लिए लगायी गयी एजेंसी पैक्स व व्यापार मंडल ने भी रुचि नहीं दिखायी. 72 केंद्रों ने कोई खरीद नहीं की व मात्र तीन हजार 297 किसानों ने इसमें रुचि दिखायी. जिला सहकारिता पदाधिकारी शशिभूषण ने कहा कि सभी केंद्रों को लक्ष्य पूरा करने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया है. लक्ष्य पूरा करने की हर संभव कोशिश की जा रही है.
कृषि विभाग ने माना, कम हुआ उत्पादन : जिले में बेहतर धान उत्पादन के उम्मीद पर पानी फिर गया. प्रत्येक वर्ष धान के खरीद का लक्ष्य अनुमानित उत्पादन के आधार पर तय किया जाता है.
विभाग ने 86 हजार एमटी खरीद का लक्ष्य तय किया था, लेकिन बताया जाता है कि इस बार उत्पादन कम हुआ है. विभाग के मुताबिक, 63 हजार 429 एमटी ही धान का उत्पादन हुआ है. यह अनुमान से तकरीबन 75 फीसदी कम है. जिला कृषि पदाधिकारी, राजेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि अनुकूल मौसम नहीं होने से उत्पादन पर प्रतिकूल असर हुआ है. कम उत्पादन की रिपोर्ट भेज दी गयी है.
तथ्यों पर एक नजर
सबसे अधिक खरीद करनेवाले केंद्र
1.दरौली-1722.3 एमटी
2.गोरेयाकोठी-1157.6 एमटी
3.रघुनाथपुर-1004.8 एमटी
सबसे कम खरीद करनेवाले केंद्र
1.मैरवा-386.5 एमटी
2.बसंतपुर-425.8 एमटी
3.हुसैनगंज-447.1 एमटी

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