सीवान : प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बन रहे एमडीएम के लिए चावल उपलब्ध कराने वाले संवेदकों के चयन में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है. संवेदक की पात्रता हासिल करने के लिए एक आवेदक द्वारा जिन ट्रकों का पेपर प्रस्तुत किया गया है वह फर्जी है तथा उनमें से कुछ का रजिस्ट्रेशन तिपहिया वाहन के तौर पर हुआ है. प्रस्तुत कागजात में अधिकतर गाड़ियां उत्तर प्रदेश की हैं. मामला सदर प्रखंड का है और संवेदक आरती सिंह हैं.
मामले की शिकायत बासोपाली गांव निवासी सिंगासन मांझी ने जिला पदाधिकारी से कर जांच की मांग की है. श्री मांझी ने पचरुखी व बड़हरिया प्रखंड के संवेदक चयन के लिए प्रस्तुत किये गये आवेदन में कई फर्जी गाड़ियों के पेपर का भी जिक्र किया है. जिला पदाधिकारी को दिये आवेदन में श्री मांझी ने कहा है कि सदर प्रखंड के संवेदक के तौर पर चयनित आरती सिंह द्वारा जिन गाड़ियों का कागजात प्रस्तुत किया गया है, उसमें अधिकतर गाड़ियां फर्जी हैं.
श्री मांझी का कहना है कि विभाग को प्रस्तुत ट्रक का पेपर जिसका पंजीयन संख्या यूपी 53 टी-2288 है, उसका वास्तव में पंजीयन थ्री व्हीलर के रूप में हुआ है तथा उसका मालिक गोरखपुर जिले के खोराबार थाने के रूसतमपुर गांव निवासी पट्टु है. श्री मांझी का यह भी कहना है कि पचरुखी व बड़हरिया प्रखंड में संवेदक के लिए भी आवेदकों द्वारा जिन गाड़ियों के कागजात प्रस्तुत किये गये हैं, उनमें भी कई कागजात फर्जी हैं.
इधर, अपने ऊपर लगे आरोपों का संवेदक आरती सिंह ने खंडन किया है तथा प्रस्तुत गाड़ियों के पेपर को सही बताया. उन्होंने संवेदक के तौर पर चयन नहीं होने से नाराज कुछ लोगों द्वारा परेशान करने का आरोप लगाया है. एमडीएम प्रभारी संघमित्रा वर्मा ने चयन की प्रक्रिया को सही ठहराया है. उनका कहना है कि जिला परिवहन पदाधिकारी व एमवीआइ द्वारा गाड़ियों के मूल कागजात की जांच के बाद चयन को अंतिम रूप दिया गया है.