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डीटीओ का टारगेट दोगुना, जांच से जनता आजिज

डीटीओ का टारगेट दोगुना, जांच से जनता आजिज 22 की जगह 42 लाख हुआ परिवहन विभाग का मंथली टारगेट टारगेट पूरा करने में हांफ रहा विभाग, ओवरलोडिंग पर लगाम कसाप्रभात पड़ताल फोटो- 04 परिवहन विभाग कार्यालय फोटो- 05 वाहन जांच करते अधिकारी सीवान. एक तरफ परिवहन विभाग ने यातायात नियमों के पालन और दुर्घटनाओं में […]

डीटीओ का टारगेट दोगुना, जांच से जनता आजिज 22 की जगह 42 लाख हुआ परिवहन विभाग का मंथली टारगेट टारगेट पूरा करने में हांफ रहा विभाग, ओवरलोडिंग पर लगाम कसाप्रभात पड़ताल फोटो- 04 परिवहन विभाग कार्यालय फोटो- 05 वाहन जांच करते अधिकारी सीवान. एक तरफ परिवहन विभाग ने यातायात नियमों के पालन और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाहनों की सघन जांच का आदेश जारी किया है. वहीं दूसरी तरफ एक ही दिन में कई जगहों पर वाहन रोक कर कागजातों की जांच व तलाशी लिए जाने से आम जनता आजिज आ गयी है. परेशानी की हद तब जब लोगों को मामूल गलतियों के लिए भी चालान जमा करना पड़ रहा है. अर्थदंड के साथ ही जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत के बीच सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर जिले भर में वाहनों की चेकिंग की जा रही है. ओवरलोड वाहनों पर लगाम कसने के लिए परिवहन विभाग पूरी तरह मुस्तैद होकर पुलिस के साथ सड़क पर उतर आया है. परिवहन विभाग का टारगेट दोगुना : परिवहन विभाग द्वारा सीवान जिले को पहले वाहन जांच के दौरान अर्थदंड द्वारा 22 लाख प्रतिमाह वसूली का टारगेट था. जिससे विभाग ने अब 42 लाख कर दिया है. डीटीओ का टारगेट पांच लाख से 12 लाख, एमवीआइ का सात लाख से 15 लाख और एमवीआइ मोबाइल का दस लाख से पंद्रह लाख कर दिया गया है. जिसके बाद से टारगेट पूरा करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. जनता हो रही परेशान : मोटर वाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं में फाइन के बाद लोगों को जिला परिवहन कार्यालय या एसडीएम कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. जिससे जनता काफी परेशान हो रही है. वहीं पुलिस द्वारा भी नजायज वसूली की सूचना मिल रही है. हालांकि इधर परिवहन विभाग द्वारा भी कैंप लगा कर फाइन किया जा रहा है. इस जांच में बीमार व अस्पताल जाने वाले लोगों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. जिससे लोगों की परेशानी और भी बढ़ रही है. वहीं अगर ट्रैफिक पुलिस व हर थाने को फाइन का अधिकार मिले तो लोगों की परेशानी कम हो सकेगी. टारगेट बना जी का जंजाल : जिले से हर माह 42 लाख रुपये अर्थदंड के रूप में राजस्व वसूली कर विभाग को देना है. इससे भी परिवहन विभाग से लेकर पुलिस तक सब के हाथ पांव फुले हुए है. लोगों का कहना है कि जिस प्रकार ड्रग विभाग अगर नियमानुसार दवा दुकानों की जांच कर दे तो कमी मिलना निश्चित हीं है. उसी प्रकार परिवहन के 25 नियमों के अंतर्गत कार्रवाई से बचना लगभग असंभव सा है. ऐसे में आखिर पिसना तो आम जनता को ही है. जागरूकता से बनेगी बात : यातायात नियमों का पालन नहीं करना आम समस्या है. जिसके लिए यह अभियान तो आवश्यक है. लेकिन अर्थदंड से काम नहीं चलेगा. इसके लिए विभागीय और समाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाये जाने की जरूरत है. जिससे वाहन दुर्घटना में भी कमी आयेगी. साथ हीं विभाग सिर्फ विभिन्न अवसरों पर जागरूकता अभियान चला कर अपने कर्तव्य पूर्ति से नहीं बच सकता. सभी सड़कों पर यातायात नियमों सं संबंधित बोर्ड व साइन बोर्ड होने चाहिए. साथ हीं शहर में इलेक्ट्रॉनिक सिगनल आदि प्रणाली की भी व्यवस्था होनी चाहिए. लोगों में जागरूकता होगी तभी इस समस्या से बचा जा सकेगा. क्या कहते हैं डीटीओ : विभाग के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है. लोगों में यातायात नियम के पालन के प्रति जागरूकता बढ़ने से दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी. यातायात सुविधा के लिए विभाग प्रयास रत है. विभाग अपने स्तर से जागरूकता अभियान चला रहा है. लेकिन इसकी सफलता के लिए आम जनता की सहभागिता जरूरी है. वीरेंद्र प्रसाद, जिला परिवहन पदाधिकारी सीवान

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