सात पीजी विभाग एक-एक शिक्षक के भरोसेमानसिक तनाव से गुजर रहे शिक्षक हाल डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का विभाग के अधीन हैं इंटर से लेकर पीजी तक की पढ़ाईफोटो : डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय. संवाददाता,सीवान सरकार व विश्व विद्यालय की उदासीनता के चलते डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का हाल शिक्षकों के मामले में खस्ता है. यही कारण है कि महाविद्यालय में मौजूद शिक्षकों को शारीरिक व मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है. वैसे तो जिले के सभी विद्यालयों का एक ही हाल है, लेकिन डीएवी का मामला इसलिए अन्य से अलग है, क्योंकि यहां इंटर से लेकर पीजी तक की पढ़ाई एक ही छत के नीचे होती है और वही शिक्षक इंटर का भी क्लास लेते हैं, जो पीजी का लेते हैं. प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आठ से 10 हजार छात्र इस महाविद्यालय से जुड़े हैं . हाल यह है कि यहां सात-सात विभाग एक-एक हेड ऑफ डिपार्टमेंट के भरोसे संचालित हो रहे हैं. ऐसे में जहां छात्रों की निर्भरता कोचिंग पर बढ़ गयी है, वहीं ससमय कोर्स कंप्लिट नहीं होने का खौफ भी उन्हें सताता रहता है.इन विभागों में है एक-एक शिक्षक : वर्तमान समय में महाविद्यालय की स्थिति पर गौर करें, तो रसायन शास्त्र विभाग डाॅ प्रो शमशाद अहमद खान, जूलॉजी विभाग डाॅ प्रो रीता, इतिहास विभाग कन्हैया कुमार, अर्थशास्त्र विभाग प्रो भरत सिंह, उर्दू विभाग प्रो टीएन नूर, अंगरेजी विभाग डॉ सत्य प्रकाश के भरोसे संचालित हो रहा है. संस्कृत विभाग की बात की जाये, तो इसमें एक भी शिक्षक नहीं हैं, जबकि बोटनी विभाग भी फरवरी माह से एक शिक्षक प्रो मो ओवैदुल्लाह के भरोसे हो जायेगा. इस विभाग के एचओडी डाॅ बसंत कुमार गुप्ता 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो जायेंगे. वहीं अंगरेजी विभाग से डाॅ अशोक वर्मा 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं. मानसिक तनाव से गुजर रहे शिक्षक : शिक्षकों की कमी का खामियाजा उपलब्ध शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है. वे शारीरिक व मानसिक रूप से बेहद तनाव महसूस कर रहे हैं. रसायन शास्त्र के एचओडी डाॅ प्रो शमशाद अहमद खान की मानें तो इंटर की पढ़ाई से लेकर पीजी तक का एसेस्मेंट करना पड़ रहा है, जो बेहद तनाव पैदा कर रहा है. हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगातार चार-चार क्साल एक शिक्षक को लेना पड़ रहा है. श्री खान ने बताया कि पीजी के लिए 30 नंबर का एसेस्मेंट तैयार करना सबसे बड़ी जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रश्न तैयार करना, छात्रों से एसाइमेंट तैयार कराना व उसकी मार्किेग कर विश्व विद्यालय को भेजना होता है. इतना ही नहीं अक्सर कोर्स समय पर कंप्लिट करने के लिए संयुक्त रूप से भी कक्षा का संचालन करना पड़ता है. इस विभाग में शिक्षकों के आठ पद स्वीकृत हैं.क्या कहते हैं अधिकारीविश्व विद्यालय को शिक्षकों की कमी के बारे में लगातार पत्र भेजा जाता रहा है. इधर, छात्र हित को देखते हुए शिक्षकों के आपसी सामंजस्य से पठन-पाठन का काम जारी है. डाॅ अजय कुमार पंडित, प्राचार्य डीएवी स्तनात्कोतर महाविद्यालय, सीवान
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सात पीजी विभाग एक-एक शक्षिक के भरोसे
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