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डीजल की राशि नहीं मिलने से कंप्यूटर की पढ़ाई बंद

डीजल की राशि नहीं मिलने से कंप्यूटर की पढ़ाई बंद मामला उच्च विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई काविभाग को अलग से डीजल की राशि देने का नहीं है निर्देश दरौली मुख्यालय स्थिति उच्च विद्यालय दरौली कावर्ग नवम में 266 व वर्ग दशम में 293 छात्र हैं नामांकितकंपनी द्वारा हैंड ओवर करने के बाद विद्यालय की […]

डीजल की राशि नहीं मिलने से कंप्यूटर की पढ़ाई बंद मामला उच्च विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई काविभाग को अलग से डीजल की राशि देने का नहीं है निर्देश दरौली मुख्यालय स्थिति उच्च विद्यालय दरौली कावर्ग नवम में 266 व वर्ग दशम में 293 छात्र हैं नामांकितकंपनी द्वारा हैंड ओवर करने के बाद विद्यालय की होती है कंप्यूटर के संचालन की जिम्मेवारी विद्यालयों को विकास कोष या छात्र कोष से जेनरेटर का खरीदना है डीजल दरौली . इधर, भले ही सुरक्षा बलों के ठहराव से जिले के लगभग सभी उच्च विद्यालयों में पठन-पाठन का काम लगभग एक माह से ठप है, वहीं दूसरी ओर कई विद्यालयों में डीजल की राशि नहीं मिलने से कंप्यूटर की पढ़ाई बंद है. इसे विभाग की कमी कहा जाये या फिर विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही, दोनों ही स्थितियों में नुकसान छात्रों को ही उठाना पड़ रहा है. सरकार द्वारा छात्रों को तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर उच्च विद्यालयों में कंप्यूटर व इसके उपस्कार की व्यवस्था की गयी. इसके बावजूद भी इसका लाभ कई विद्यालयों में छात्रों को नहीं मिल पा रहा है. मामला उच्च विद्यालय में कंप्यूटर की पढ़ाई से संबंधित है. इसके लिए बतौर सरकार द्वारा टेंडर निकाल कर कंपनी के माध्यम से उच्च विद्यालयों में कंप्यूटर की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया. प्रावधान के तहत पांच वर्षों तक कंपनी को कंप्यूटर के संचालन की जिम्मेवारी थी. तय प्रावधान के तहत पांच वर्ष के बाद कंपनी को विद्यालय को हेंड ओवर कर देना था. इसके बाद कंप्यूटर की देख रेख,उसके संचालन तथा विद्युत आपूर्ति को प्रावधान विभाग को करना था. लेकिन जिले के कई ऐसे विद्यालय हैं जहां पर हैंड ओवर करने के बाद कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं होती है. और विद्यालयों में धूल फांकते कंप्यूटर की देखरेख करने वाला कोई नहीं है. शोभा की वस्तु बने यह कंप्यूटर छात्रों के भविष्य के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं. एक ऐसा ही विद्यालय दरौली मुख्यालय स्थिति उच्च विद्यालय दरौली है. वर्ष 2009 में एनआइटी द्वारा 11 कंप्यूटर विद्यालय को उपलब्ध कराये गये थे. पांच वर्ष की अवधि पूरा होने के बाद एनआइटी द्वारा विद्यालय को सभी 11 कंप्यूटर को हैंड ओवर कर दिया गया. लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद अब तक इस विद्यालय में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हो सकी है. विद्यालय में कुल नामांकित छात्रों की संख्या छह सौ के करीब है, जिसमें वर्ग नवम में 266 व वर्ग दशम में 293 छात्र नामांकित हैं. विद्यालय के प्रधानाध्यापक नरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि विभाग द्वारा जेनेरेटर चलाने के लिए डीजल की राशि नहीं दिये जाने के कारण कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. इधर, डीपीओ आरएमएस अखिलेश्वर प्रसाद ने बताया कि जेनेरेटर के संचालन के लिए विद्यालयों को विकास कोष या फिर छात्र कोष की राशि से चलाने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए विभागीय स्तर पर डीजल की राशि देने का कोई निर्देश प्राप्त नहीं है.

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