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सूखे की दस्तक के बीच 50 फीसदी फसल बरबाद

सूखे की दस्तक के बीच 50 फीसदी फसल बरबाद सीवान.मौसम की बेरुखी के चलते किसानों के होश उड़ गये हैं.अब तक के हालात को देख विभाग का भी अब मानना है कि 50 फीसदी धान की फसल बरबाद हो चुकी है.अगले 10 दिनों तक अगर यही स्थिति रही, तो और अधिक फसल बरबाद हो जायेगी. […]

सूखे की दस्तक के बीच 50 फीसदी फसल बरबाद सीवान.मौसम की बेरुखी के चलते किसानों के होश उड़ गये हैं.अब तक के हालात को देख विभाग का भी अब मानना है कि 50 फीसदी धान की फसल बरबाद हो चुकी है.अगले 10 दिनों तक अगर यही स्थिति रही, तो और अधिक फसल बरबाद हो जायेगी. जिले का तकरीबन साठ फीसदी हिस्सा सरकारी सिंचाई इंतजाम विहीन है.ऐसे में यहां की फसल मौसमी बारिश के भरोसे रहती है,जिसके चलते बारिश न होने पर किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है.मौजूदा वर्ष में 98 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बोआई का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 90 प्रतिशत अर्थात 88 हजार 211 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बोआई हो पायी है.यही लक्ष्य विभाग द्वारा गत वर्ष भी रखा गया था.उत्पादित लक्ष्य से 50 फीसदी धान की फसल बरबाद : जिले में धान के उत्पादन का लक्ष्य प्रति हेक्टेयर 25 से 26 कुंतल का है. इसके अनुसार दो लाख 54 हजार 800 एमटी धान का उत्पादन करने का लक्ष्य है.मौजूदा समय धान की फसल के पकने का वक्त है. ऐसे में फसल को अधिक बारिश की जरूरत होती है.अब तक पर्याप्त बारिश न होने से विभाग का भी अब मानना है कि एक लाख 27 हजार 400 एमटी फसल बरबाद हो चुकी है.यह आकलन के मुताबिक उत्पादन लक्ष्य का 50 फीसदी है.औसत से कम हुई है अब तक बारिश : सितंबर माह की बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 25.5 एमएम बारिश हुई है.गत वर्ष इसी माह में 128.5 एमएम बारिश हुई थी.कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक 286.9 एमएम बारिश की जरूरत है.सरकारी सिंचाई विहीन हैं चार प्रखंड : जिले के 19 प्रखंडों में से अब तक सरकारी सिंचाई इंतजाम के मामले में चार प्रखंड वंचित हैं, जिसमें गुठनी, हसनपुरा व पचरुखी तथा बड़हरिया का आंशिक क्षेत्र है. सरकारी इंतजाम जिन प्रखंडों में हैं उनमें नहर ही एकमात्र साधन है. उन नहरी क्षेत्रों में भी अधिकतर में पानी न आने से लोगों के व्यक्तिगत स्रोतों के भरोसे ही खेतों की सिंचाई होती है.बारिश न होने पर किसानों को सूखे का सामना करना पड़ता है.आंकड़ों में वर्षापात (एमएम)माह सामान्य वास्तविक अप्रैल 11.1 52.9मई 24.9 10.1जून 124.8 79.5जुलाई 358.1 165.7अगस्त 254.9 284सितंबर 286.9 25.5 क्या कहते हैं अधिकारीसितंबर व अक्तूबर माह में औसत से बारिश काफी कम हुई है, जिसके चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई है.अब तक बारिश न होने से 50 फीसदी फसल बरबाद हो चुकी है. हालत अगर ऐसे ही रही, तो नुकसान का आंकड़ा और भी अधिक होने की संभावना है. राजेंद्र कुमार वर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी,सीवान

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