दोनों संघों ने इमरजेंसी सेवा के लिए छह दुकानों को बंदी से मुक्त रखने का फैसला किया था, जिसके कारण सुबह से ही इन दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ देखी गयी और दवा के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा.
इस दौरान इमरजेंसी मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कुछ दवाओं के लिए एक दुकान से दूसरी दुकान तक दौड़ लगानी पड़ी. वहीं शहर के साधु मेडिसिन कॉम्प्लेक्स में सीवान डिस्ट्रीक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने धरना देकर ऑन लाइन बिक्री के विरोध में अपनी आवाज उठायी.
संघ के संरक्षक रमेश कुमार सिंह ने कहा कि यह प्रणाली दवा विक्रेताओं के शोषण के लिए लायी जा रही है, जिसका पूरजोर विरोध किया जायेगा. अगर यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया, तो संघ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जायेगा. वहीं अस्पताल रोड में एक अन्य संगठन सीवान केमिस्ट ने भी धरना देकर विरोध दर्ज कराया.
मरीज रहे परेशान : स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी पीएचसी व सदर अस्पताल में आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने की घोषणा की गयी थी. साथ ही इमरजेंसी सेवा के लिए जिला मुख्यालय की छह दुकानों को बंदी से मुक्त रखा गया था. इसके बावजूद मरीजों को काफी परेशानी हुई और लोग दवाओं के लिए इधर-उधर भटकते रहे.
केस एक-हरिहरपुर कला के विनोद कुमार अपनी मां का इलाज कराने पहुंचे थे, लेकिन दवा दुकानों के बंद रहने के कारण उन्हें करीब डेढ़ किलोमीटर आ कर दवा खरीदनी पड़ी. केस दो-मैरवा के बाबू तिवारी सदर अस्पताल में अपने इलाज के लिए पहुंचे थे. उन्हें अपनी दवा के लिए पूरा शहर छानना पड़ा, तब भी दो दवाएं नहीं मिल सकी.
उनका कहना था कि अब कल ही दवा मिल सकेगी.केस तीन-विशुनपुरा के अजय दूबे अपनी मां के इलाज के लिए एक निजी क्लिनिक में पहुंचे थे,
जहां एक आवश्यक दवा के लिए उन्हें कई दुकानों का चक्कर लगाना पड़ा. इतने में उन्हें डेढ़ घंटे लग गये. मगर दवा नहीं मिली.दो करोड़ का व्यवसाय हुआ प्रभावित : एक दिवसीय बंदी के कारण करीब दो करोड़ का दवा व्यवसाय जिले में प्रभावित हुआ. आंकड़ों के अनुसार बिहार में दवा व्यवसाय में किशनगंज का अव्वल स्थान है.
उसके बाद सीवान जिले का ही नाम आता है. क्या कहते हैं अधिकारीदवा दुकानों के बंदी के कारण इमरजेंसी सेवा बाधित न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक सप्ताह पूर्व से ही तैयारी कर रखी थी. पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध करायी गयी थीं. वहीं दवा संघ से बात कर जनहित में आधा दर्जन दुकानों को बंदी से मुक्त रखा गया था. डाॅ शिवचंद्र झा, सीएस, सीवान