बसंतपुर/महाराजगंज : हत्यारों का सेफ जोन बसंतपुर थाना क्षेत्र बना हुआ है. हत्यारे बिना डर के आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. एक तो पुलिस किसी प्रकार की घटना घटने पर कुछ की प्राथमिकी ही दर्ज नहीं करती, अगर की भी जाती है,
तो घटना का खुलासा होने में काफी विलंब होता है, या मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. वहीं अपराधी पीड़ित परिवार को खौफ दिखा कर केस वापस करना चाहते हैं.
केस.1- थाना क्षेत्र में 28 अप्रैल, 2015 की रात्रि बगहां गांव में जीबी नगर थाना के जगदीशपुर निवासी रंजीत की हत्या कर दी गयी थी. मृतक के चाचा लालबाबू सिंह के बयान पर बसंतपुर थाने में प्राथमिकी संख्या 61/15 दर्ज करायी गयी थी. प्राथमिकी में चार अभियुक्त बनाये गये थे.
एक अभियुक्त चोरी की बाइक के साथ पचरुखी थाने में वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा गया. वहीं तीन नामजद अभियुक्त बसंतपुर पुलिस गिरफ्त से बाहर चल रहे हंै. सभी खुलेआम घुम रहे है. केस नहीं उठाने पर मृतक के परिजनों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. परिजनों द्वारा अभियुक्त के ठिकानों की जानकारी दी जाती है. बावजूद पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
केस.2- थाना क्षेत्र के बलथरा गांव में 27 मई को चापाकल के विवाद में बड़े लाल दास की हत्या पीट-पीट कर दी गयी थी. मृतक के पुत्र वृजकिशोर के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें एक अभियुक्त की गिरफ्तारी तो कर ली गयी, वहीं दूसरे अभियुक्त की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर पायी है.
केस.3-थाना क्षेत्र के लकड़ी माधोपुर गांव में 17 मई की रात नागेश्वर प्रसाद की हत्या कर दी गयी थी. मृतक की पत्नी सिंगारो देवी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें तीन लोगों को नामजद किया गया था. इस हत्याकांड में भी पुलिस हत्या के आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पायी. थाना क्षेत्र के लोगों के बीच दहशत व्याप्त है.
क्या कहते हैं एएसपी
अभियुक्तों की गिरफ्तारी हर हाल में की जायेगी. गिरफ्तारी में कोताही की गयी, तो थानाप्रभारी जिम्मेवार होंगे. जन सुरक्षा की जिम्मेवारी पुलिस की है. अपराधियों पर नकेल कसना पुलिस का प्रथम कार्य है.
अवकाश कुमार, एएसपी, महाराजगंज