सीवान : मदर्स डे पर मां चंद्रावती की तपस्या को सलाम. पति के असमय दिवंगत हो जाने से साथ छूट गया,पर बच्चों को ममता भरी छांव देने में चंद्रावती ने जहां कोई कसर नहीं छोड़ी, वहीं पिता के प्यार व मार्गदर्शन का अभाव बच्चों को कभी खलने नहीं दिया. शहर के कसेरा टोली गली नंबर दो में रह रही चंद्रावती देवी के संघर्षो की हर कोई दाद देता है.
चंद्रावती के पति मोहन प्रसाद वर्मा का 20 वर्ष पूर्व ही साथ छूट गया.पीलिया रोग से पीड़ित मोहन का समुचित इलाज न होने से मौत हो गयी. इस दौरान उनके सभी बच्चे छोटी उम्र के थे.
मोहन प्रसाद की मौत के समय उनकी पत्नी चंद्रावती देवी की उम्र तकरीबन 30 वर्ष थी. मां की अंगुलियों को पकड़ कर उनकी दो बेटियां व तीन बेटे बड़े हुए. अब हाल यह है कि चंद्रावती देवी की तपस्या की हर कोई चर्चा करता है. परिवार को पहचान दिलायी उनके चौथे नंबर की संतान आशीष सोनी ने.
आशीष ने 10 वर्ष पूर्व खड़गपुर से आइटीआइ में नामांकन लिया, जहां से शिक्षा लेने के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु से एमटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद मुंबई के ओएनजीसी में ऑफिसर के पद पर ज्वाइन किया.अब दिसंबर में रिसर्च के लिए आशीष अमेरिका जा रहा है.उधर, उसकी बहन वंदना की उम्र 26 वर्ष है.वनस्पति शास्त्र से एमएससी करने के बाद वंदना ने वर्ष 2013 में नेट में 55वां स्थान तथा 2014 में नेट में एक बार फिर 42वां स्थान हासिल किया.अब आगे की तैयारी में लगी है.
वंदना कहती है कि मेरे भाई व आज मैंने जो कुछ भी हासिल किया है, उसमें मां का प्यार व मार्गदर्शन है.हमारी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि अगर पुनजर्न्म होता हो तो,हमें अवश्य एक बार फिर उन्हें मां के रूप में दुबारा प्राप्त करूं . वंदना का बड़ा भाई रजनीश सोनी सीए करके ट्रेनिंग ले रहा है.जबकि एक भाई आभूषण के कारोबार करता है.