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व्यक्तित्व विकास के लिए मौलिक शिक्षा आवश्यक
महाराजगंज : शहर के विकास विद्यालय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता अवकाश प्राप्त शिक्षक मुंशी सिंह ने की. सेमिनार में दर्जनों अवकाश प्राप्त शिक्षकों ने भाग लिया. मनुष्य की मौलिक अवश्यकताओं पर विशेष रूप से वक्ताओं द्वारा प्रकाश डाला गया. अवकाश प्राप्त शिक्षक रामनाथ सिंह […]
महाराजगंज : शहर के विकास विद्यालय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता अवकाश प्राप्त शिक्षक मुंशी सिंह ने की. सेमिनार में दर्जनों अवकाश प्राप्त शिक्षकों ने भाग लिया.
मनुष्य की मौलिक अवश्यकताओं पर विशेष रूप से वक्ताओं द्वारा प्रकाश डाला गया. अवकाश प्राप्त शिक्षक रामनाथ सिंह ने कहा कि लोकतंत्र अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है. अशिक्षा एक बड़ी समस्या है. शिक्षा के अभाव में लोगों में राजनीतिक चेतना जागृत करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण सरकार के कार्यो में भी जनता की दिलचस्पी कम दिख रही है. वहीं अवकाश प्राप्त शिक्षक बच्चन सिंह ने कहा कि भोजन, वस्त्र, अवास व शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में शिक्षा की अहम आवश्यकता है. लोकतांत्रित सफलता के लिए लोगों को शिक्षित होना अति आवश्यक है.
प्राथमिक शिक्षा की व्यापकता : प्राथमिक पाठशाला में बड़े स्तर पर बच्चों का नामांकन का प्रयास का होना अति आवश्यक है. बच्चों के पढ़ाई के लिए 1 किलोमीटर के अंदर स्कूल की सुविधा आवश्यक है. विद्यालयों में बच्चों के सुविधाओं का होना आवश्यक है. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों का भवन आरामदेह होना आवश्यक है. अधिवक्ता रवींद्र सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा नीति के तहत शिक्षा में सुधार लाया जा सकता है.
सेमिनार में अन्य विद्वान लोगों ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया, जिसमें डॉ रामनरायण पाठक, प्रो सुबोध कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह आदि लोगों ने भी सभा को संबोधित किया.
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