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दूसरे वर्ष भी लौट गयी कब्रिस्तान की दो करोड़ की राशि

सीवान : जिले में कब्रिस्तान की घेराबंदी के लिए शासन द्वारा जारी की गयी दो करोड़ की राशि खर्च हुए बिना लौट गयी.जिले में 46 कब्रिस्तान के घेराबंदी निर्माण के लिए यह धनराशि जारी की गयी थी.लगातार दूसरी बार निर्माण कार्य पूर्ण कर लेने के बाद धन का भुगतान किये जाने के आदेश के चलते […]

सीवान : जिले में कब्रिस्तान की घेराबंदी के लिए शासन द्वारा जारी की गयी दो करोड़ की राशि खर्च हुए बिना लौट गयी.जिले में 46 कब्रिस्तान के घेराबंदी निर्माण के लिए यह धनराशि जारी की गयी थी.लगातार दूसरी बार निर्माण कार्य पूर्ण कर लेने के बाद धन का भुगतान किये जाने के आदेश के चलते यह धनराशि लौट गयी है.
वर्ष 2008-09 से शासन ने प्रत्येक प्रखंडों को कब्रिस्तान की चहारदीवारी के निर्माण के लिए प्रखंडों को जिम्मेदारी दी. हालांकि वर्ष 2012 से स्थानीय क्षेत्र संगठन को निर्माण की जिम्मेदारी दे दी गयी है. इस बीच पूर्व में स्वीकृत योजनाओं को पूरा करने की प्रखंड कार्यालयों की जिम्मेदारी थी.
जिसके तहत सिसवन प्रखंड में 12 लाख 54 हजार 500 रुपये से चार चहारदीवारी,हसनुपरा में 36 लाख 63 हजार 482 रुपये से चार चहारदीवारी,रघुनाथपुर में तीन लाख 88 हजार 100 रुपये से दो चहारदीवारी,जीरादेई में छह लाख 74 हजार 600 रुपये से एक चहारदीवारी, बड़हरिया में छह लाख 16 हजार 300 रुपये से एक चहारदीवारी, दरौंदा में 36 लाख 72 हजार 193 रुपये खर्च कर सात चहारदीवारी, मैरवा में दो लाख 99 हजार 500 रुपये खर्च कर दो चहारदीवारी, सीवान सदर में 27 लाख 32 हजार 321 रुपये खर्च कर तीन चहारदीवारी,पचरूखी में सात लाख 26 हजार 466 रुपये खर्च कर दो चहारदीवारी,गुठनी में चार लाख सात हजार 300 रुपये, महाराजगंज में दो लाख 55 हजार 500 रुपये खर्च कर एक चहारदीवारी,नौतन में 4 लाख 88 हजार 607 रुपये,लकड़ीनबीगंज में सात लाख दो हजार 667 रुपये,आंदर में 28 लाख 57 हजार 411 रुपये, गोरयाकोठी में 11 लाख 50 हजार 647 रुपये,बसंतपुर में छह लाख 30 हजार 879 रुपये व हुसेनगंज में चार लाख 61 हजार 500 रुपये खर्च कर तीन चहारदीवारी का निर्माण किया जाना था. प्रखंडों को निर्माण की दी गयी जिम्मेदारी के साथ यह गाइडलाइन जारी की गयी थी कि निर्माण के बाद ही भुगतान किया जायेगा.
अग्रिम मात्र 20 हजार रुपये तक ही भुगतान हो सकते हैं. इस आदेश के कारण वर्ष 2013-14 में आवंटित राशि लौट गयी. इसके बाद एक बार फिर जारी की गयी दो करोड़ नौ लाख 81 हजार रुपये में से दो करोड़ रुपये खर्च वापस लौट गये. इस संबंध में पूछे जाने पर डीआरडीए के निदेशक रामानुज ने कहा कि धन खर्च न होने के चलते वापस हो गया है.प्रखंडों को खर्च करने बाद भुगतान के पूर्व में जारी गाइड लाइन के चलते निर्माण नहीं हो पा रहा है.

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