अधिकतर गैस डीलर कई प्रकार के नियम बना कर रहे हैं परेशान
वित्तीय वर्ष 2014-2015 मंगलवार को समाप्त हो गया और इसके साथ ही जिले के करीब 40 हजार गैस उपभोक्ताओं के सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर लैप्स हो गये.इसके पीछे सरकार द्वारा बनाये गये नये नियम तो है हीं, इसके साथ ही डीलरों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए बनाये गये नियम भी कारण बताये जा रहे हैं.
सीवान : मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2014-2015 की समाप्ति के साथ ही जिले के करीब 40 हजार गैस उपभोक्ताओं के सब्सिडी के गैस सिलिंडर लैप्स हो गये.
सब्सिडी के सिलिंडरों के लैप्स होने के पीछे सरकार द्वारा बनाये गये नये नियम तो है हीं, स्थानीय डीलरों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए बनाये गये नियम भी कारण बताये जा रहे हैं. ऐसी बात नहीं है कि जागरूक उपभोक्ताओं ने संबंधित कंपनियों के अधिकारियों से शिकायत नहीं की हो. शिकायत करने के बाद गैस एजेंसी वाले तो उस उपभोक्ता को विशेष परेशान करने के लिए टारगेट में ले लेते हैं. मंगलवार को सब्सिडी का सिलिंडर उठाने के लिए शहर के प्राय: सभी गैस एजेंसियों पर रसीद कटवाने के लिए उपभोक्ता उमड़े रहे. तीन बजते ही रसीद कटनी बंद हो गयी तथा सब्सिडी का सिलिंडर लेने से उपभोक्ता वंचित हो गये. दो-तीन गैस एजेंसियों को छोड़ कर किसी का 15 तो किसी का 11 दिन बैक लॉग गैस की डिलिवरी चल रही थी.
मोबाइल से बुकिंग के बाद कटानी पड़ती है रसीद : सरकार ने नियम बनाया है कि डीबीटीएल से जुड़े गैस उपभोक्ता मोबाइल से गैस बुकिंग कराने के बाद उनको घर पर गैस की डिलिवरी मिलेगी, लेकिन सच्चई यह है कि सरकार का यह नियम डीलरों पर लागू नहीं है.अगर कोई गैस उपभोक्ता मोबाइल से गैस की बुकिंग कर चुपचाप गैस आने का इंतजार करे, तो उसे दो माह में भी गैस की डिलिवरी नहीं मिल पायेगी.
अगर गैस एजेंसी का वेंडर आपका सिलिंडर लेकर आ भी गया, तो वह रसीद की मांग करेगा. अगर आपने रसीद नहीं कटवायी है, तो वेंडर वापस चला जायेगा. स्थानीय डीलरों ने नियम बना दिया है कि मोबाइल से बुकिंग करने के बाद ग्राहक पता करें कि कब उसका नंबर आ रहा है. नंबर आने के एक दिन पूर्व एजेंसी द्वारा रसीद काटी जाती है, जो सरकार या संबंधित कंपनी का नियम नहीं है.
क्या कहते हैं अधिकारी
मोबाइल से नंबर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को सिलिंडर की होम डिलिवरी करनी है. अगर कोई डीलर मोबाइल से नंबर लगाने के बाद रसीद कटाने के लिए बुलाता है, तो वह गलत है.अगर आपकी व्यक्तिगत कोई परेशानी है, तो टॉल फ्री नंबर पर शिकायत करें या पटना स्थित इंडियन ऑयल के दफ्तर में शिकायत कीजिए.
राजेश कुमार, क्षेत्र अधिकारी ,इंडियन ऑयल