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डेयरी स्थापना को बढ़ावा देगी सरकार, बढ़ेगा योजना का दायरा
सीवान : यदि आप डेयरी उद्योग स्थापित कर स्वरोजगार करना चाहते हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए इस योजना की राशि बढ़ोतरी व अन्य परिवर्तन का फैसला किया है. इस संबंध में राज्य मंत्री मंडल द्वारा फैसला लिया जा चुका है, जिसका राज्यादेश जल्द ही […]
सीवान : यदि आप डेयरी उद्योग स्थापित कर स्वरोजगार करना चाहते हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए इस योजना की राशि बढ़ोतरी व अन्य परिवर्तन का फैसला किया है.
इस संबंध में राज्य मंत्री मंडल द्वारा फैसला लिया जा चुका है, जिसका राज्यादेश जल्द ही विभाग द्वारा जारी किये जाने की संभावना हैं.
निर्धारित राशि में होगी बढ़ोतरी: विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में प्रति गाय निर्धारित राशि को 35 हजार से बढ़ा कर 45 हजार कर दिया गया है. जो किसानों के लिए राहत भरी खबर है. साथ ही इस उद्योग की स्थापना करने के लिए अन्य संसाधनों की राशि में भी बढ़ोतरी की गयी है.
जारी रहेगी स्व लागत योजना : स्वलागत योजना डेयरी उद्योग स्थापित करने में एक लोकप्रिय योजना है. इस योजना में किसान विभागीय मापदंड के अनुसार स्वीकृति करा कर अपने स्वयं की पूंजी से उद्योग स्थापित करते हैं.
उद्योग स्थापन के पश्चात विभाग द्वारा अनुदान राशि दी जाती है. इसके अंतर्गत सामान्य, पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा के लिए 50 प्रतिशत और अनुसूचित जाति व जन जाति के लिए 58.33 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. इस योजना के बंद होने की चर्चा थी. परंतु उस पर विराम देते हुए जारी रखने का फैसला लिया गया हैं जो किसानों के लिए राहत भरी खबर है.
लोगों को मिलेगी राहत : बैंक पोषित योजना के अंतर्गत बैंक अनुदान पर डेयरी उद्योग की स्थापना की जाती है. विभाग द्वारा योजना को स्वीकृत कर उसे बैंकों को भेजा जाता है. बैंकों द्वारा मनमानी की जाती थी. और स्वीकृति के बाद भी बैंकों द्वारा लोगों को परेशान किया जाता था. इसके लिए एक मात्र बैंक सेंट्रल बैंक ही अधिकृत था.
अब सरकार द्वारा सभी बैंकों को उसके लिए अधिकृत किया गया है. इस पर उदासीनता बरतने वाले बैंकों पर बिहार वित्त नियमावली व अन्य कार्रवाई करने का फैसला लिया गया हैं. नयी नियमावली के अनुसार किसान द्वारा सुझाये गये निकटवर्ती बैंकों को जिला गव्य विकास विभाग द्वारा स्वीकृति प्रस्ताव भेजा जायेगा, और उस बैंक द्वारा ही डेयरी की स्थापना के लिए ऋण स्वीकृत करना होगा. साथ ही अनुदान की राशि नोडल बैंकों के खाते में न होकर विभाग एवं जिला धिकारी के अधीन होगी. जिलाधिकारी के माध्यम से अनुदान दिया जायेगा.
बढ़ेगा योजना का दायरा : गव्य विकास विभाग द्वारा वर्तमान में डेयरी स्थापना के लिए दो, पांच , दस व बीस गाय या भैंस की योजना है. इसमें भी परिवर्तन की संभावना हैं. इसकी संख्या 50 तक करने और अन्य डेयरी प्रोजेक्ट भी शामिल करने की चर्चा हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
गव्य विकास विभाग किसानों के हित में लगातार कार्यरत है. अधिक -से- अधिक किसान इस योजना से जुड़ कर स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए विभाग प्रयासरत है. योजना को समृद्ध बनाने के लिए कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है.
हरेराम सिंह, निदेशक गव्य विकास निदेशालय,पटना
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