सीवान : मौसम के बदले मिजाज देखकर परेशान किसानों पर प्रकृति ने फिर कहर बरपा दिया. आंधी-पानी ने एक बार फिर तबाही मचाकर किसानों के चेहरे पर मायूसी ला दिया है. आंधी के चलते जहां खेतों में लगी मकई व गेहूं की फसलें गिर गयी. वहीं बारिश से खलिहान में तैयारी के लिए रखी गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचा है.
फसलों को जल्द से जल्द घरों में ले जाने की मंशा पर मौसम ने पानी फेर दिया. गेहूं भींगने के कारण गुणवत्ता भी प्रभावित हो गयी है. गेहूं की कटाई व दौनी का काम भी रुक गया. मार्च महीने से शुरू प्रकृति का कहर अप्रैल माह में भी लगातार जारी है. कुछ-कुछ दिनों के बाद हवा के झोकों के साथ हो रही हल्की बारिश से फसलों को काफी क्षति पहुंच रही है. बुधवार से ही आसमान में बादल छाये रहे. तेज हवा के साथ बूंदाबांदी भी हुई. इसके चलते गेहूं कटाई का कार्य तो रुक ही गया. खलिहानों में रखी फसल भी भींग गई. मौसम के लगातार बदल रहे मिजाज ने किसानों की कमर तोड़ दी है. पूरे इलाके में गेहूं की कटाई व दौनी कार्य बाधित हो गया है.
फसलों के बर्बाद होने की आशंका से किसान खासा चिंतित हैं. क्षेत्र के किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण फसल बर्बाद होने का डर है. इसके अलावा सब्जी, आम व मकई को भी तेज हवा से खासा नुकसान पहुंचा है. क्षेत्र के किसान बच्चा गिरी कहते है कि आसमान से पड़े छींटों से किसानों को खेत में तैयार फसल खराब होने का भय सता रहा है. अगर यही दशा रही तो किसान बेमौत मारे जायेंगे. पेशोपेश में पड़े किसान फिलहाल भगवान से प्रार्थना करने में जुटे हैं. प्रकृति की मार के आगे सब लाचार हो जाते हैं. इस समय में तेज आंधी-पानी के साथ आसमान से ओले गिरने की प्रबल संभावना बनी रहती है. वहीं सकते में पड़े किसानों को अपनी हाड़ तोड़ मेहनत कर उपजायी गयी फसलों को नष्ट होने का डर सता रहा है. दउनी के समय में अगर बारिश हो गयी, तो इसका असर खेत से खलिहान तक पड़ेगा. बारिश हो जाने पर गेहूं की फसल भी खराब हो सकती है. किसानों की फसल खराब होने की चिंता माथे पर झलक रही है.