महाराजगंज : गेहूं की रोपाई किये छह माह हो गये. कृषि विभाग का आश्वासन था कि गेहूं अनुदान की राशि 10 दिनों में किसानों के खाते में डाल दी जायेगी. छह माह बीत जाने के बाद भी गेहूं व गेहूं पटवन की अनुदान राशि किसानों के खाते में नहीं गयी. किसान कर्ज लेकर गेहूं की […]
महाराजगंज : गेहूं की रोपाई किये छह माह हो गये. कृषि विभाग का आश्वासन था कि गेहूं अनुदान की राशि 10 दिनों में किसानों के खाते में डाल दी जायेगी. छह माह बीत जाने के बाद भी गेहूं व गेहूं पटवन की अनुदान राशि किसानों के खाते में नहीं गयी. किसान कर्ज लेकर गेहूं की खरीदारी किये थे. अनुदान की राशि के लिए किसान प्रखंड के कृषि कार्यालय व बैंक का चक्कर लगा रहे हैं. कृषि कार्यालय का कहना है कि रवि महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा किसानों को गेहूं बीज या अन्य बीजों को अनुदानित दर पर खातिदारी करानी है.
महाराजगंज से लगभग एक हजार किसानों ने बीजों की खरीदारी की थी. जिसमें 357 किसानों ने प्रत्यक्षण की गेंहू बिज खरीदे, वहीं 643 किसानों ने मसूर चना आदि के अन्य बीज खरीदे थे. प्रखंड क्षेत्र के किसी भी किसान का एक पैसे की अनुदान राशि उनके खाते में नहीं गई हैं. वहीं 1700 किसानों ने डीजल अनुदान का आवेदन किया था. जिसकी राशि अभी तक किसानों को प्राप्त नहीं हुई हैं. किसान कर्ज के बोझ से दबे हैं. अनुदान की राशि के लिए प्रखंड से लेकर बैंक तक चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन परेशानी के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं हो रहा हैं.
डीजल अनुदान का भी नहीं हुआ आरटीजीएस
मक्के की बालिया भी रहीं दाना रहित
मक्के की फसल में दाना नहीं आने पर बढ़ा अतिरिक्त बोझ
किसान अनुदान की राशि नहीं मिलने को लेकर एक तरफ परेशान दिख रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसानों के मक्के के फसल में दाने नहीं निकलने पर किसान फसल बर्बादी को लेकर आहत हैं. किसान अशोक कुमार सिंह, असर्फी प्रसाद, वीरेंद्र प्रसाद बताते हैं, कि प्रति हेक्टेयर खाद बिज दो पटवन पर करीब 30-35 हजार रुपये खर्च आता हैं. किसान बड़ी मेहनत से खेती करते हैं. सरकारी योजनाओं को धरातल पर नहीं उतरने के कारण किसानों को परेशानी झेलनी पड़ती हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कार्यालय से राशि आवंटन नहीं होने के कारण किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंची हैं. आवंटन मिलते ही किसानों के खाते में राशि डाल दी जायेगी.
हरिशंकर सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी,
महाराजगंज