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नियम ताक पर, चिमनियां उगल रहीं धुआं

चिंता. इस वर्ष एक भी चिमनी का नहीं हुआ है नवीनीकरण, विभाग बना है लापरवाह सीवान : जिले में नियम कानून को ताक पर रखकर ईंट भट्ठे संचालित किये जा रहे हैं. आलम यह है कि 2015-16 में जिले में 286 चिमनी खनन विभाग से निबंधित थे, जो वर्ष 2016-17 में घटकर मात्र 27 रह […]

चिंता. इस वर्ष एक भी चिमनी का नहीं हुआ है नवीनीकरण, विभाग बना है लापरवाह

सीवान : जिले में नियम कानून को ताक पर रखकर ईंट भट्ठे संचालित किये जा रहे हैं. आलम यह है कि 2015-16 में जिले में 286 चिमनी खनन विभाग से निबंधित थे, जो वर्ष 2016-17 में घटकर मात्र 27 रह गये. इस वर्ष विभाग द्वारा नोटिस जारी करने के बाद चिमनी मालिकों ने सुधि ली है. वास्तव में वर्तमान में कागज पर पिछले वर्ष के अनुसार 27 चिमनियां संचालित हैं, परंतु वास्तव में इनकी संख्या 2015-16 की निबंधित से कम नहीं हैं.
किसी एक क्षेत्र विशेष का आकलन करने पर लगभग पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में इनकी संख्या का अंदाजा लग सकता है. साथ ही इस वित्तीय वर्ष में अबतक एक भी चिमनी का निबंधन नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं आना खनन विभाग के कार्यकलाप को दर्शाता है. एक तरफ सरकार की बालू के खनन पर नया कानून लाने की तैयारी और इसमें काफी भद पिटी
लेकिन वहीं दूसरी ओर पूर्व से ही जहां चिमनी संचालन के लिए नियम-कानून चले आ रहे हैं. उनका पालन नहीं हो पा रहा है. इससे राजस्व का भी चूना लग रहा है.
साल में 74 हजार 900 देना है टैक्स
चिमनी मालिकों को साल में 74 हजार 900 रुपये का टैक्स खनन विभाग को टैक्स के रूप में देना है. यह ग्रामीण क्षेत्र की चिमनी के लिए निर्धारित है. खनन विभाग के अनुसार जिले के शहरी क्षेत्र में एक भी चिमनी निबंधित नहीं है. यह टैक्स 25 लाख तक के ईंट उत्पादन पर देना है. लेकिन आलम यह है कि इस वर्ष अब तक एक भी ईंट भट्ठे का आवेदन नवीनीकरण के लिए नहीं आया है.
जिले में कानून को धता बता चल रहे ईंट भट्ठे
प्रदूषण प्रमात्र पत्र के िबना नहीं चल सकेंगी चिमनी
खनन विभाग के नियमानुसार चिमनी को आबादी वाले क्षेत्र से अलग रखना है. साथ ही चिमनी के लिए उसकी माइनिंग प्लान होना चाहिए जो खनन विभाग के नियम व इकोलॉजी के विपरीत नहीं होना चाहिए, परंतु जब यह वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है, एक भी चिमनी का नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं आना और उनका धड़ल्ले से चलना इस बात का गवाह है कि जिले में चिमनी भट्ठे वाले नियम का कितना पालन कर रहे हैं और खनन विभाग इसको कितनी गंभीरता से ले रहा है.
ई-चालान से होगी ईंट की बिक्री
खनन विभाग ईंट भट्ठों पर नकेल कसने की तैयारी में है. अब ईंट की बिक्री ई-चालान के माध्यम से ही की जानी है. जिसमें ईंट क्रेता का पूरा डिटेल्स रहेगा और यह इंटरनेट से सीधे जुड़ा रहेगा. एक जगह बैठ कर विभाग हर चिमनी की खरीद- बिक्री का ब्योरा ले सकेगा. अब इससे चिमनी मालिकों की मनमानी नहीं चल सकेगी.
ठंड में कोहरे व धुएं से बढ़ जाती है लोगों की परेशानी
विशेषज्ञों की मानें तो सर्दी के दिनों में सुबह-शाम पड़ने वाला घने कोहरे में भट्ठाें से निकलने वाला धुआं आसपास के इलाकाें के लोगों की परेशानी बढ़ा देता है. इससे निकलने वाला धुआं कोहरे के साथ मिल कर इसे जल्द थमने नहीं देता है. ऐसी स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ने की आशंका हो जाती है. जहरीले धुएं की वजह से कई बीमारियां भी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं. सरकार व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की नयी नीति के मुताबिक पुराने चल रहे भट्ठों को गोल आकार की जगह चपटे आकार में ढाल दिया जायेगा और जिग-जैग तकनीक से बने नये भट्ठाें से निकलने वाला धुआं भी सफेद रंग का होगा. इसमें प्रदूषण की मात्रा भी नाम मात्र होगी.
तीन जनवरी को पटना में बैठक
खनन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने खनन विभाग व चिमनी मालिकों की बैठक बुलायी है, जिसमें नियम-कानून को लेकर हर पहलुओं पर जानकारी देते हुए उसके पालन व दंड के बारे में जानकारी दी जायेगी. तीन दिसंबर को पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में बैठक होनी है, जिसमें जिले के सभी चिमनी मालिक व खनन विभाग के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे ़
क्या कहते हैं पदाधिकारी
चिमनी मालिकों को नोटिस जारी किया जा रहा है. नियम का उल्लंघन कर कोई चिमनी नहीं चल सकेगी. मेरी पोस्टिंग हाल ही में हुई है. पहले के खनन पदाधिकारी बर्खास्त हो गये थे, जिसके कारण यहां सिस्टम से काम नहीं हो पा रहा था. शीघ्र ही सिस्टम पटरी पर होगा.
सीता शरण, खनन निरीक्षक सह जिला खनन पदाधिकारी, सीवान
क्या कहते हैं डीएम
कानून का उल्लंघन कर कोई चिमनी संचालित नहीं होगी. खनन पदाधिकारी को स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी गयी है. साथ ही सभी चिमनी मालिकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है. जुर्माने के साथ राशि वसूल की जायेगी.
महेंद्र कुमार, जिला पदाधिकारी, सीवान

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