सीवान : गोवर्धन पूजा के बाद फिर से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो गये. कई जगहों पर लोग शादी-विवाह की बात करते दिखे. वहीं कई जगह फलदान की रस्म चल रही थी. देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य पर विराम लग गया था. मान्यता के मुताबिक देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं होता है. गोवर्धन पूजा व देवोत्थान एकादशी के दिन से शुभ कार्य करना हितकर होता है. विवाह का शुभ मुहूर्त 31 अक्तूबर को देवोत्थान एकादशी के बाद शुरू हो रहा है.
शादी और शुभ कार्यों में लगभग चार महीनों की खामोशी के बाद अब एक बार फिर शहनाई की गूंज सुनायी देगी. आचार्य उपेंद्र दत्त मिश्र ने बताया कि देवोत्थान एकादशी को भगवान शयन के बाद जगते हैं. इसके साथ ही लगन का शुभ काल शुरू हो जाता है. सूर्य वृश्चिक राशि में जैसे ही प्रवेश करेंगे, उसी के साथ ही शादी-ब्याह की लगन शुरू हो जायेगी.
श्री मिश्र ने बताया कि देवोत्थान एकादशी से शुरू होने वाली लगन की धूम इस बार 11 दिसंबर तक रहेगी. इस वर्ष इस बार 17 विवाह लग्न हैं, जिनमें काफी शादियां होंगी. उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में आने पर मलमास के साथ ही इन पर ब्रेक लग जायेगा. जुलाई महीने में देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य पर विराम लग गया था.