सीवान : बुधवार को एडीजे चार मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में तीन को दोषी करार दिया है. वहीं, तीन लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. बताते चलें कि एमएच नगर थाने के भीखपुर भगवानपुर निवासी राम छबीला सिंह के पुत्र चंद्रमा सिंह ने अपने बयान में […]
सीवान : बुधवार को एडीजे चार मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में तीन को दोषी करार दिया है. वहीं, तीन लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. बताते चलें कि एमएच नगर थाने के भीखपुर भगवानपुर निवासी राम छबीला सिंह के पुत्र चंद्रमा सिंह ने अपने बयान में कहा है कि भतीजी रिंकी देवी की शादी फरवरी, 2007 में रघुनाथपुर थाने के पतार निवासी वीर बहादुर सिंह के पुत्र मनोज सिंह के साथ की थी.
दहेज में बोलेरो की मांग को लेकर ससुरालियों ने हत्या कर शव को सरयू नदी में पतार घाट के सामने ईंट में बांध कर डूबो दी थी.
वहां से पुलिस ने बरामद की थी. चंद्रमा सिंह ने इस मामले में पति मनोज सिंह, ससुर वीर बहादुर सिंह, सास ज्ञांती देवी, ननद अंजनी कुमारी, छोटी कुमारी, अंतिमा कुमारी, फुआ आशा देवी व हृदया नारायण सिंह को आरोपित किया था. पुलिस ने अनुसंधान कर आशा देवी व अंतिमा कुमारी को निर्दोष बताया था. कोर्ट ने दहेज में बोलेरों की मांग के मामले में मनोज सिंह, वीरबहादुर सिंह व ज्ञांती दवी को दोषी पाया है. जबकि अंजनी कुमारी, छोटी कुमारी व हृदया नारायण सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.