सीवान : फास्ट ट्रैक दो सरोज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में दीपावली के दिन बच्चे के पटाखा छोड़ने के हुए विवाद में एक महिला की हत्या की गयी थी. हत्यारोपित गांव के ही मनन मांझी, भागमनी देवी, रंगलाल भगत, दारोगा भगत, दुहायी मांझी थे. इस मामले में दोषी पाये गये भागमनी देवी, रंगलाल भगत व दारोगा भगत को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है.
यह हत्याकांड 18 वर्ष पूर्व का है. इस मामले में असांव थाने के पिहुली गांव निवासी भरत राम ने अपने बयान में कहा था कि सात नवंबर, 1999 को मेरा पुत्र दरवाजे पर पटाखा छोड़ रहा था. इसी दौरान मेरे पड़ोसी मनन मांझी गाली-गलौज करने लगे. मेरी पत्नी रीता देवी ने गाली देने से मना किया. इसी बात को लेकर सभी आरोपितों ने लाठी-डंडा से मार कर अधमरा कर दिया.
बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मृत्यु हो गयी. फास्ट ट्रैक दो सरोज कुमार श्रीवास्तव ने हत्या के मामले में भागमनी देवी, रंगलाल भगत व दारोगा भगत को दोषी पाया, जबकि मुकदमे की सुनवायी के दौरान मनन मांझी व दुहायी मांझी की मृत्यु हो गयी. न्यायालय में अभियोजन की ओर से एपीपी रवींद्र नाथ शर्मा व बचाव पक्ष के ओर से जय प्रकाश कुशवाहा ने सजा के बिंदु पर बहस सुनने के बाद तीनों आराेपितों को सजा सुनायी.