अफसोसजनक. बारिश में शेड व झोंपड़ी में भीगते हुए करते हैं काम
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बरसात आते ही वकीलों की परेशानी शुरू
अफसोसजनक. बारिश में शेड व झोंपड़ी में भीगते हुए करते हैं काम सीवान : बरसात का मौसम शुरू होते ही अधिवक्ताओं व पक्षकारों की परेशानी शुरू हो गयी है. व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता अपने खर्च पर टीन के शेड व झोंपड़ी में बैठ कर वकालत करने के लिए मजबूर हैं. आजादी के बाद से कितनी […]
सीवान : बरसात का मौसम शुरू होते ही अधिवक्ताओं व पक्षकारों की परेशानी शुरू हो गयी है. व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता अपने खर्च पर टीन के शेड व झोंपड़ी में बैठ कर वकालत करने के लिए मजबूर हैं. आजादी के बाद से कितनी सरकारें आयीं और गयीं, लेकिन अधिवक्ताओं को बैठने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं मिल पायी है. साथ ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से पक्षकार अपनी समस्याओं व मुकदमों को लेकर अधिवक्ताओं के पास
आते हैं, लेकिन उनके भी पड़ाव के लिए कहीं रैन बसेरा की व्यवस्था नहीं है.
दूसरी तरफ, सबसे ज्यादा परेशानी आधी-आबादी को होती है. इनके लिए शौचालय तक नहीं है. उन्हें न्यायालय परिसर में स्थित मंदिरों में शरण लेनी पड़ती है. लेकिन अल्पसंख्यक महिलाएं वहां भी नहीं जा सकती.
व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं को नहीं मिल रही ंमूलभूत सुविधाएं
पक्षकार भी भीगने को मजबूर होते हैं
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