सीवान : पूर्वोत्तर रेलवे में सीवान जंकशन आय की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्टेशन होने के बावजूद यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. यहां से प्रतिदिन करीब 15 हजार यात्री अपनी यात्रा शुरू और 15 हजार यात्री अपनी यात्रा को खत्म करते हैं. रेल यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, पंखे तथा बैठने के लिए कुरसी जैसी बुनियादी सुविधाएं रेल द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी हैं. गरमी के मौसम में शीतल पेयजल और पंखे की हवा खाने के लिए यात्री तरस रहे हैं.
रेलयात्रियों की सुविधा के लिए सरकुलेटिंग एरिया में तीन सीटों वाला पे एंड यूज शौचालय है, जो रेल यात्रियों की संख्या के अनुसार काफी नहीं है. प्लेटफॉर्म पर कहीं भी यूरीनल की व्यवस्था नहीं है. सरकुलेटिंग एरिया में यूरीनल तो है, लेकिन सफाई नहीं होने से उपयोग करने लायक नहीं है. प्लेटफॉर्म संख्या एक पर स्वचालित सीढ़ी लगाने का काम हो रहा है. इस कार्य के लिए घंटों प्लेटफॉर्म की लाइन काट देने से यात्रियों को पंखे की हवा नहीं मिल पाती है.
द्वितीय श्रेणी यात्री प्रतीक्षालय का क्षेत्र दिन पर दिन अन्य कार्य में उपयोग किये जाने से संकुचित होता जा रहा है.
नहीं खुलते सभी काउंटर
सीवान रेलवे जंकशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए सात सामान्य टिकट काउंटर की व्यवस्था रेल द्वारा की गयी है. लेकिन पिक आवर में भी सभी टिकट काउंटरों के नहीं खुलने से यात्रियों को परेशानी होती है. प्रतिदिन दो से तीन काउंटर ही यात्रियों के लिए खुलते हैं. महिला यात्रियों, सीनियर सिटीजन के लिए कोई विशेष काउंटर की व्यवस्था नहीं होने से महिलाओं और वृद्धों को काफी परेशानी होती है. महिला रेल यात्रियों के लिए उच्च श्रेणी का यात्री प्रतीक्षालय तो है, लेकिन यह हमेशा बंद रहता है.
नहीं मिलती जानकारी
जंकशन के पूछताछ काउंटर से रेल यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी नहीं मिल पाती है. वैसे तो इस काउंटर को टिकट संग्राहकों द्वारा ही चलाया जाना है, लेकिन रेल के टिकट संग्राहकों ने वर्षों से इस काउंटर को प्राइवेट लोगों के हवाले अनधिकृत रूप से कर दिया है. पूछताछ काउंटर पर लाखों के कीमती व संवेदनशील उपकरण लगे हैं.
लेकिन इन बातों से स्थानीय रेल अधिकारियों को काेई लेना-देना नहीं है.
प्लेटफॉर्म एक बन जाता है यार्ड
सीवान जंकशन का प्लेटफॉर्म संख्या एक रात दस बजे से सुबह पांच बज कर 40 मिनट तक यार्ड बन जाता है. रात दस बजे जब गोरखपुर सीवान इंटरसिटी ट्रेन आती है, तो सुबह में मुजफ्फरपुर जाने के लिए एक नंबर प्लेटफॉर्म पर खड़ी हो जाती है. वहीं समस्तीपुर से आने वाली इंटरसिटी ट्रेन एक नंबर पर पश्चिम छोर पर गोरखपुर जाने के लिए लग जाती है. इस दौरान रात दस से सुबह करीब 5.40 तक दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म से ही ट्रेनों को परिचालन किया जाता है. रेल यात्रियों को इससे काफी परेशानी होती है.
दोनों ट्रेनों के परिचालन के लिए रेल ने प्लेटफॉर्म नंबर सात का निर्माण कार्य शुरू किया.
इसे मार्च में ही बन जाना था, लेकिन अभी तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ.
क्या कहते हैं अधिकारी
यात्रियों की परेशानियों को वरीय अधिकारियों के समक्ष मीटिंग के दौरान रखा जाता है. वैसे जब अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं, तो हमलोग यात्रियों की परेशानियों को बताते हैं. प्लेटफॉर्म नंबर सात का निर्माण कार्य चल रहा है. यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाता है.
सुरेश चंद्र गिरि, स्टेशन अधीक्षक, सीवान