सीतामढ़ी : भाजपा कार्यकर्ताओं ने संविधान के रचैता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की पुण्यतिथि को समरसता दिवस के रूप में मनाया. इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न मंडलों के मंडल अध्यक्षों की अध्यक्षता में स्वच्छता अभियान चला कर विभिन्न दलित बस्तियों की साफ-सफाई की गयी. बताया गया कि जिला उपाध्यक्ष प्रो नवल किशोर शर्मा बेलसंड […]
सीतामढ़ी : भाजपा कार्यकर्ताओं ने संविधान के रचैता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की पुण्यतिथि को समरसता दिवस के रूप में मनाया. इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न मंडलों के मंडल अध्यक्षों की अध्यक्षता में स्वच्छता अभियान चला कर विभिन्न दलित बस्तियों की साफ-सफाई की गयी.
बताया गया कि जिला उपाध्यक्ष प्रो नवल किशोर शर्मा बेलसंड के घुसुकपुर टोला के दलित बस्ती में मंडल अध्यक्ष पवन कुमार उपमन्यु के साथ, अरूण कुमार गोप डुमरा पूर्वी मझौलिया दलित बस्ती में अजय कुमार ठाकुर बाजपट्टी के रायपुर मुशहरी टोला में, माधवेंद्र सिंह बथनाहा पश्चिमी के राम टोला में मंडल अध्यक्ष श्रीकांत बबलू के साथ, जिला महामंत्री नंदकिशोर सिंह रीगा के दलित बस्ती खरसान में, जितेंद्र नायक परिहार के एकडंडी महादलित बस्ती में, मंत्री अर्पणा शर्मा पुपरी के दलित बस्ती में,
मनोज शक्ति शहर के वार्ड नंबर 13 में मंडल अध्यक्ष विशाल कुमार आनंद के साथ व मीडिया प्रभारी सुधांशु शेखर डुमरा भीसा के दलित बस्ती में मंडल अध्यक्ष अनंत कुमार सिंह के साथ दलित बस्तियों की साफ-सफाई की. साथ हीं बाबा सहेब के संघर्ष भरे जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब ने भारतीय समाज के सबसे नचले व्यक्ति के उत्थान के लिए सराहनीय कदम उठाया.
महिलाओं को दिया विशेषाधिकार : मीडिया प्रभारी श्री शेखर ने कहा कि बाबा साहेब द्वारा तैयार किये गये संविधान पाठ में संवैधानिक गारंटी के साथ-साथ व्यक्तिगत नागरिकों को एक व्यापक श्रेणी की नागरिकता व स्वतंत्रताओं की सुरक्षा प्रदान की, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता, असपृश्यता का अंत और सभी प्रकार के भेद-भवों को गैर कानूनी करार दिया गया. महिलाओं के लिए धारा 370 व्यापक आर्थिक व सामाजिक अधिकारी की वकालत की और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सिविल सेवाओं,
स्कूलों व कॉलेजों की नौकरियों में आरक्षण प्रणाली शुरू करने के लिए सामाजिक व आर्थिक असमानताओ के उन्मूलन व उन्हें हर क्षेत्र के अवसर प्रदान कराने की चेष्टा की. जबकि मूल कल्पना में पहले इस कदम को अस्थायी रूप से एवं आवश्यकता के आधार पर शामिल करने की बात कही गयी. इसके साथ हीं बाबा साहेब ने अपने पूरे जीवन काल में देश के शोषितों व पीड़ितों को समानता देने की बात कही.