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खरना आज, कल देंगे पहला अर्घ

महापर्व. नहाय खाय के साथ हुई शुरुआत पृथ्वी पर अग्नि व सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. सूर्य के एक मंगलाचरण के अनुसार, उदय के समय जिनकी चरण-कमल में वंदना करने के लिए देवताओं के भी मुकुट घिस जाते हों, जिनकी वंदना के लिए देवाधिदेव महादेव भी जलांजलि देते हों, ऐसे सूर्यदेव को बारंबार […]

महापर्व. नहाय खाय के साथ हुई शुरुआत

पृथ्वी पर अग्नि व सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. सूर्य के एक मंगलाचरण के अनुसार, उदय के समय जिनकी चरण-कमल में वंदना करने के लिए देवताओं के भी मुकुट घिस जाते हों, जिनकी वंदना के लिए देवाधिदेव महादेव भी जलांजलि देते हों, ऐसे सूर्यदेव को बारंबार प्रणाम है.
सीतामढ़ी : नहाय-खाय के साथ ही शुक्रवार को छठ महापर्व का शुभारंभ हो गया. छठ व्रती शुक्रवार से पूरी पवित्रता के साथ बाल धो स्नान करने के साथ ही पवित्रता पूर्वक व्रत की शुरुआत की. छठ व्रती आज खरना करेंगे. इस दौरान व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखकर शाम को गम्हरी धान के चावल व गुड़ से निर्मित खीर का प्रसाद अर्पित कर फूल, पान व धूप-दीप के साथ छठ माता की आराधना करेंगे व पवित्र मन से पूरे परिवार के लिए आशीष मांगेंगे. कल यानी रविवार को छठ व्रती ठकुआ, कसार व खाजा समेत विभिन्न प्रकार के पकवानों व फल-फूलों से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देंगे. सोमवार की सुबह छठ व्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ देकर पारन करेंगे. इसके साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.
रोगों से मुक्ति को श्री आदित्य ह्रदय सूत्र का पाठ कराना श्रेयष्कर: धरहरवा गांव निवासी साहित्याचार्य पंडित मुकेश कुमार मिश्रा के अनुसार नेत्र व चर्म रोग की समस्याओं से ग्रसित लोगों के अलावा स्वस्थ्य काया के लिए छठ पूजा के दौरान कुछ उपाय करने से इन रोगों का नाश किया जा सकता है. ऐसे लोगों के लिए छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देने के समय किसी जानकार ब्राह्मण से श्री आदित्य हृदय सूत्र का पाठ कराने या करना काफी श्रेयस्कर होगा.
व्रत से नि:संतानों को संतान व रोगियों को मिलता है स्वस्थ काया: पंडित श्री मिश्रा के अनुसार बिहार में छठ व्रत आदि काल से किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस महाव्रत को करने से नि:संतानों को संतान, निर्धन को धन व रोगियों को स्वस्थ्य काया प्राप्त होता है. यही कारण है कि इस कठिन व पवित्र महाव्रत को हिंदू धर्मावलंबियों के साथ-साथ कई मुसलिम धर्मावलंबी भी छठ पूजा करने लगे हैं. पूर्व में केवल बिहार व झारखंड में ही छठ महाव्रत किया जाता था, लेकिन आज सूर्योपासना का यह महाव्रत देश के कोने-कोने के अलावा दुनिया के कई देशों में पूरी आस्था व विश्वास के साथ किया जाने लगा है.
सोमवार को उगते सूर्य को िदया जायेगा अर्घ
बाजार में छठ की सामग्री खरीदतीं महिलाएं.
व्रती अपने बच्चों के लिए मांगेंगे आशीष

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