बिजली आपूर्ति बाधित होने से बढ़ी परेशानी
सीतामढ़ी : उमस भरी गरमी से परेशान लोगों के मन में आस जगी थी कि विद्युत सुविधा का लाभ मिलेगा, लेकिन गरमी के दस्तक पड़ने के साथ विद्युत सुविधा भी बदहाल होती जा रही है. 24 घंटे में 12 घंटे से अधिक गरमी से राहत देनी वाली उपकरण शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.
इधर, विभाग के कार्यपालक अभियंता ने समुचित विद्युत मुहैया कराने के प्रश्न पर अपना हाथ खड़ा कर दिया है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जिलावासियों को बिजली संकट का सामना करना होगा.
जरूरत 50, आपूर्ति 30 से 35 मेगावाट
उपभोक्ताओं की शिकायत पर प्रभात खबर ने विभाग के कार्यपालक अभियंता दिवाकर लाल से खास बातचीत की. बगैर किसी लाग लपेट के उपभोक्ताओं को समुचित विद्युत आपूर्ति देने में असमर्थता व्यक्त करते हुए अभियंता श्री लाल ने कहा कि जिले को 50 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता है. आपूर्ति 30 से 35 मेगावाट की हो रही है. शहर में 8-10 मेगावाट की आपूर्ति देने के बाद शेष 13 पीएसएस के बीच बांट कर आपूर्ति की जाती है.
वर्तमान में केंद्रीय कोटा से कांटी थर्मल पावर से पूरे बिहार में विद्युत आपूर्ति हो रही है. बरौनी थर्मल पावर प्लांट चालू होने के बाद समुचित विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकती है.
गरमी में बढ़ जाती हैं, यूनिट की खपत
ठंड व गरमी के मौसम में अलग-अलग आपूर्ति रहने के सवाल पर कहा कि, ठंड के मौसम में उपभोक्ताओं के बीच कम यूनिट की खपत होती है. इस कारण 30-35 मेगावाट में 18 से 20 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाती है.
ठंड के मौसम में यूनिट की खपत ज्यादा होती है. अचानक बोझ बढ़ जाने से ब्रेक डाडन व शट डाउन की स्थिति लगातार उत्पन्न होती रहती है. गरमी के मौसम में सभी फीडर का लोड बढ़ जाता हैं.
लोड बढ़ जाने से तार कट जाता है. इस कारण ब्रेक डाउन हो जाता हैं. मरम्मत के लिए कर्मियों को शट डाउन करना पड़ता है. बसवरिया-मोहनपुर से पुलिस लाइन व पुनौरा से मेहसौल चौक तक का विद्युतीकरण शहरी क्षेत्र में माना जाता है.