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राम ब्रह्म हैं, तो मां सीता ब्रह्मविद्या : मोरारी बापू
सीतामढ़ी : सीया जी का रूप गुणातीत है. गोस्वामी जी कहते हैं कि सीया जी का रूप सौंदर्य को भी फीका करनेवाला है, जो ईश्वर के मन को भी श्रुभित कर देता है. उस गुणातीत, सहज, रूपवती सीया से भगवान राम ने जियरा लगाया था. मातृ शरीर आठ वस्तुओं की रक्षा करता है. जो काम […]
सीतामढ़ी : सीया जी का रूप गुणातीत है. गोस्वामी जी कहते हैं कि सीया जी का रूप सौंदर्य को भी फीका करनेवाला है, जो ईश्वर के मन को भी श्रुभित कर देता है. उस गुणातीत, सहज, रूपवती सीया से भगवान राम ने जियरा लगाया था. मातृ शरीर आठ वस्तुओं की रक्षा करता है.
जो काम मातृ शक्ति कर सकती है, पुरुष कर ही नहीं सकता. राम भ्रम हैं, तो सीता माया. राम ब्रह्म हैं, तो सीता ब्रह्मविद्या. इसलिए राम के बिना सीया और सीया के बिना राम को भजन फलदायी नहीं होगा. उक्त बातें मिथिला धाम में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के चौथे दिन पूज्य मोरारी बापू ने कहीं. चौथे दिन की रामकथा में मानस-सीया की महिमा के वर्णन को आगे बढ़ाते हुए बापू ने कुछ श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए जिंदगी के कई पहलुओं पर अपने विचार रखे.
बापू ने सीता के गुणों का बखान करते-करते कहा कि क्यों न बेटी के नाम के आगे मां का नाम हो? माता सीता तो अपनी धरती मां (सीतामही) के नाम से ही जानी जाती हैं. ऊंचाई को छूना है, तो बुद्ध पुरुष की करो संगतिबापू ने अभिभावकों से अपने बच्चों को रजोगुण की मानसिकता से बचाने की अपील करते हुए कहा कि 24 घंटे फोन पर व्यस्त मत रहो. विज्ञान का सदुपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि नासमझी की, तो वही विज्ञान विनाश का कारण बन जायेगा.
फेसबुक एक-आध घंटे की चीज है. उसका केवल सदुपयोग होना चाहिए. पिता संयम रखें. पिता ही 24 घंटे मोबाइल में व्यस्त रहेंगे, तो उनका बच्चा क्या करेगा? उन्होंने बच्चों एवं युवाओं से कहा कि आपको दुनिया देखनी है, पढ़ाई करनी है.
पराक्रम करना है. जो चीज चित्त को बिगाड़ दे, उसको कौन रिपेयर करेगा? बापू ने कहा कि ऊंचाई को छूना है तो बुद्ध पुरुष से संगति करो. बापू ने संवेदन शून्य विज्ञान को सामाजिक पाप बताया. कहा कि गांधी जी ने सात पाप बताये हैं. बापू ने नाम लिये बिना उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग की ओर इशारा किया.
कहा कि आज जिसका दिमाग ठीक नहीं है, वह विज्ञान का दुरुपयोग कर दुनिया को खत्म करने की धमकी दे रहा है. आज भागवत भजन की जरूरत है. भागवत भजन करने से मन शांत रहता है.
भजन हमारी सुरक्षा है.राजनीति में होना ही चाहिए धर्मएक श्रोता की चिट्ठी को पढ़ते हुए बापू राजनीति पर भी बोले. ‘राजनीति में धर्म कितना जायज है’ प्रश्न का उत्तर देते हुए बापू ने कहा कि राजनीति में तो धर्म होना ही चाहिए. सत्य, धर्म, प्रेम और करुणा ही तो राजनीति है. लेकिन आज की राजनीति में न सत्य है, न धर्म है, न प्रेम है और न करुणा है. हर दिन की तरह रामायण जी की आरती व महाप्रसाद के साथ मोरारी बापू की रामकथा का समापन हुआ.
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