मनमानी. अंकुश लगाने वाले खुद घिरे हैं दवा खरीद घोटाले के आरोपों से
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आयुष चिकित्सक कर रहे अंग्रेजी इलाज
मनमानी. अंकुश लगाने वाले खुद घिरे हैं दवा खरीद घोटाले के आरोपों से सीतामढ़ी/मेजरगंज : समय की रफ्तार के साथ जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराती जा रही है. स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर जिम्मेदार सिविल सर्जन डाॅ बिंदेश्वर शर्मा खुद दवा खरीद घोटाले के आरोप से घिरे हुए हैं. ऐसे […]
सीतामढ़ी/मेजरगंज : समय की रफ्तार के साथ जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराती जा रही है. स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर जिम्मेदार सिविल सर्जन डाॅ बिंदेश्वर शर्मा खुद दवा खरीद घोटाले के आरोप से घिरे हुए हैं. ऐसे में यह कहना कहीं से गलत नहीं होगा कि इलाज कराने वाले मरीजों का भगवान ही मालिक हैं.
मेजरगंज में एक आयुष चिकित्सक का चार क्लिनिक: अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिले की स्वास्थ्य सेवा का नया मामला मेजरगंज प्रखंड से जुड़ा हुआ हैं. प्रखंड के डुमरी खुर्द गांव स्थित एपीएचसी (अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में डाॅ एके तिवारी पदस्थापित हैं. रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण वे वहां भी अपनी सेवा देते हैं. आश्चर्य की बात यह है कि दो-दो सरकारी अस्पताल में सेवा देने वाले डाॅ तिवारी का मेजरगंज प्रखंड अंतर्गत चार-चार स्थानों पर निजी क्लिनिक चल रहा हैं.
सभी तरह के चिकित्सा का दावा: डाॅ तिवारी अपनी सेवा निजी क्लिनिक मेन रोड में पटना दांत घर, चकबंदी चौक के समीप प्राथमिक उपचार केंद्र, विश्वकर्मा चौक के समीप डाॅ अनिल कुमार तिवारी क्लिनिक और नेपाल रोड में साहेब मेडिकल हॉल में दे रहे हैं. दिलचस्प यह भी है कि डाॅ तिवारी के नाम से लगे बोर्ड पर जेनरल फिजिसियन एवं सर्जन भी लिखा हुआ है. बोर्ड पर सभी तरह के बीमारी के इलाज का दावा भी किया गया हैं.
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