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भ्रष्टाचारियों में दहशत

कामयाबी. भीमशंकर राय की गिरफ्तारी का मामला सीतामढ़ी : करोड़ों रुपये गबन के मामले में गिरफ्तार तत्कालीन कार्यपालक अभियंता भीमशंकर राय के गिरफ्तारी से भ्रष्टाचारियों में दहशत व्याप्त है. पटना से डुमरा थाना पर लाने के बाद रविवार की सुबह तक यह खबर ठेकेदारों व अभियंताओं के बीच कानों-कान फैल गयी. लंबे समय तक कार्यपालक […]

कामयाबी. भीमशंकर राय की गिरफ्तारी का मामला

सीतामढ़ी : करोड़ों रुपये गबन के मामले में गिरफ्तार तत्कालीन कार्यपालक अभियंता भीमशंकर राय के गिरफ्तारी से भ्रष्टाचारियों में दहशत व्याप्त है.
पटना से डुमरा थाना पर लाने के बाद रविवार की सुबह तक यह खबर ठेकेदारों व अभियंताओं के बीच कानों-कान फैल गयी. लंबे समय तक कार्यपालक अभियंता के पद पर रहने के कारण उनके वैसे चहेतों का जमावड़ा भी डुमरा थाना के आसपास आने लगे, जिन्होंने श्री राय के कार्यकाल में भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगायी थी. हालांकि, यह अलग बात है कि थानाध्यक्ष छोटन कुमार के सख्त मिजाज के कारण किसी ने थाना परिसर के अंदर आकर उनका आदर-सत्कार करने का प्रयास नहीं किया. पुलिस सूत्रों पर भरोसा करें, तो पटना स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान श्री राय ने थानाध्यक्ष छोटन कुमार को पहले भ्रम में डाल कर,
बाद में रौब गांठ कर निकलने का प्रयास भी किया, किंतु उन्हें सफलता नही मिली. थानाध्यक्ष के सख्ती पर वे मोम की तरह पिघल कर उनके साथ आने को मजबूर हो गये.
दीमक की तरह चट कर गये किसानों के मुआवजे की राशि :
जिले में अधवारा नदी के बायां तटबंध पर 0 किमी से 43.60 किमी व दांये तटबंध पर 0 किमी से 44 किमी भाग में तटबंध के ऊंचीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए नई दिल्ली के ब्रह्मपुरा हाउस, ए-7, एनएच 8 महिपालपुर स्थित ब्रह्मपुरा कंट्रक्शन कंपनी के साथ तत्कालीन कार्यपालक अभियंता भीमशंकर राय ने 15 मई 2012 को एकरारनामा किया था. इसके तहत उक्त एजेंसी को ही किसानों की मिट्टी व फसल का मुआवजा देना था. तत्कालीन कार्यपालक अभियंता ने एकरारनामा के खिलाफ किसानों के मुआवजे के नाम पर दो करोड 83 लाख 15 हजार 453 रुपये की निकासी कर उक्त राशि की बंदरबांट कर ली. इतना ही नहीं, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता ने उक्त एजेंसी को 65 लाख 30 हजार 178 रुपये अधिक भुगतान किया.
इस तरह आरोपित अधिकारियों ने संबंधित एजेंसी के कर्मी व अधिकारियों के साथ गलत तरीके से कुल 3 करोड़ 40 लाख 18 हजार 364 रुपये की राशि की निकासी कर गबन कर लिया है. वहीं कार्यपालक अभियंता द्वारा बरती गयी अनियमितता के बावजूद अधीक्षण अभियंता व मुख्य अभियंता ने कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. निगरानी जांच में इसका खुलासा होने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेश के आलोक में वर्तमान कार्यपालक अभियंता राम विनय सिन्हा द्वारा 19 दिसंबर को डुमरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.रौब िदखा थानाध्यक्ष को किया टरकाने का प्रयास

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