सासाराम नगर. नगर में जनसंवाद (मुहल्ला सभा) के माध्यम से नगर निगम की सरकार लोगों के घरों तक पहुंचने लगी है. शहर के तीन वार्ड एक, दो और तीन में मंगलवार को नगर जनसंवाद का शुभारंभ हुआ. पहले दिन इन तीनों वार्डों में सुबह 10 बजे से मुहल्ला सभा शुरू हुई. वार्ड नंबर दो के बैजला में डीएम के आने की सूचना थी, लेकिन 10 बजे के बाद भी नहीं पहुंची, तो मेयर काजल कुमारी और नगर आयुक्त विकास कुमार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का दीप जलाकर उद्घाटन किया.
कार्यक्रम को लेकर नगर आयुक्त खासा संजीदा दिखे. वह 10 बजे से पहले ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुके थे. इसका वजह देर रात हुई बारिश भी है. क्योंकि, कार्यक्रम का स्थल बैजला में तय किया गया था, लेकिन बारिश की वजह से देर रात कार्यक्रम स्थल में बदलाव कर लालगंज से थोड़ी दूर जीटी रोड किनारे कार्यक्रम किया गया. वहीं, वार्ड नंबर दो के बाराडीह मुहल्ले के कार्यक्रम में उपनगर आयुक्त और निगम के कर्मी समय से पहुंचे, तो जिले से नामित श्रम प्रवर्तन विभाग चेनारी के अधिकारी विलंब से पहुंचे.वार्ड नंबर तीन के धुआं में भी ऐसा ही हुआ. वहां भी जिले से नामित अधिकारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी करगहर देर से पहुंचे. बहरहाल कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसमें लोगों ने अपनी बेबाक तरीके से समस्याएं रखी और निगम के रजिस्टर में दर्ज कराया. वार्ड पार्षद सामाजिक स्तर पर समस्याएं गिनाएं, तो अधिकांश लोग व्यक्तिगत समस्या तक ही सिमटे रहें. खैर, प्रत्येक व्यक्ति की समस्या का निदान अगर होता है, तो समाज की समस्या उसमें समाहित मानी जायेगी. सबसे बड़ी बात रही कि जनसंवाद में लोग अपनी बात रखने पहुंचे और कुछ कहा. अब नगर सरकार की बारी है कि उन समस्याओं का निराकरण कितनी त्वरीत गति से करता है.
मुहल्ला सभा से ली जायेंगी नयी योजनाएं
बाराडीह मुहल्ला सभा में लोगों की समस्या सुन रही उप नगर आयुक्त मैमुन निशा ने बताया कि पहले से जीन योजनाओं का चयन निगम द्वारा किया गया है, उन योजनाओं को पहले की योजना से जोड़ दिया जायेगा. नयी योजना जो भी आ रही है, उस पर विचार किया जायेगा. जो योजना निगम से जुड़ी है, उस पर निगम की ओर से कार्रवाई की जायेगी और जो योजना जिलास्तर या अन्य विभागों के स्तर की है. उन्हें डीएम के स्तर से आगे बढ़ाया जायेगा. ताकि वे विभाग उक्त मुहल्ले की योजना को पूरा करा सके.सबसे अधिक आवास की लोगों ने की मांग
तीनों मुहल्ला सभा में देखा जाए, तो सबसे अधिक आवास की मांग को लोगों ने अधिकारियों के सामने रखा. लगभग 150 से अधिक लोगों ने आवास की मांग की. इनमें कई ऐसे भी थे, जो भूमिहीन हैं. कई ऐसे भी हैं, जिनके पास जमीन है, पर मकान नहीं है. इसके अलावा राशन कार्ड, पेयजल आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट, नाली-गली और सड़क से जुड़ी समस्याओं को लोगों रजिस्टर्ड करवाया. वहीं, धुआं की सभा में लोगों ने सिंचाई के मामले भी उठाये. उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर से प्रत्येक वर्ष मनरेगा से आहर और पइन की सफाई होती थी, लेकिन क्षेत्र निगम में शामिल होने के बाद से यह कार्य नहीं हो रहा है. इसके कारण खेतों में सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है. वहीं, गोटपा के लोगों ने जलजमाव की समस्या को गंभीर बताया. उन्होंने बताया कि मुहल्ला के बाहर के आस-पास के दस गांवों का पानी जमा हो रहा है, जिससे खेत में फसल बर्बाद होते हैं. इसकी निकासी की योजना पर काम होना चाहिए. सरकार के महत्वपूर्ण जनसंवाद से गायब रहे अभियंतातीनों वार्डों के जनसंवाद से सहायक अभियंता गायब रहे. कारण क्या था, पता नहीं चला. पर, वार्ड एक के जनसंवाद में सहायक अभियंता शंकर कुमार यादव, वार्ड दो के जन संवाद में सहायक अभियंता निर्भय कुमार और वार्ड तीन के जन संवाद में सहायक अभियंता कुलदीप गौरव नहीं पहुंचे.=क्या कहते हैं अधिकारी=
वार्ड की प्रत्येक सामाजिक व व्यक्तिगत समस्याओं को इस जनसंवाद में संकलित किया जायेगा. किस वार्ड में मुक्तिधाम, नल-जल, नाली-गली, जलजमाव आदि की समस्य ओं को लोगों के माध्यम से रजिस्टर्ड कर उस पर काम किया जायेगा. यह कार्यक्रम निगम के विस्तारीत क्षेत्रों में दो जून तक चलाया जायेगा.– विकास कुमार, नगर आयुक्त, सासाराम-राशन कार्ड बना है, पर आवास नहीं है. मैं चाहती हूं कि मुझे आवास मिले. इसके लिए मौखिक रूप से अपनी समस्या लिखा दी हूं. मुझे दिव्यांग पेंशन नहीं मिल रहा है. इसके लिए पहल की जानी चाहिए-संजू देवी, कर्मडिहरी
-नाली-गली तो बन गया है, लेकिन घर में पानी की व्यवस्था नहीं है. अपना पक्का का मकान नहीं है. आवास मिल जाता, तो बढ़िया होता. मुझे पेंशन भी नहीं मिलता है. – इंद्रासन देवी, कर्मडिहरी-मेरे पति बीमार हैं. मेरे पति के नाम से जमीन है, लेकिन मुझे आवास योजना का लाभ अब तक नहीं मिला है. साथ ही हमारे घर में नल-जल का कनेक्शन नहीं है.-अंजू देवी, कर्मडिहरी
-अबतक हम लोगों के घर में शौचालय नहीं है. मुहल्ले में कोई सार्वजनिक शौचालय भी नहीं बना है. ऐसे में बहुत परेशानी होती है. पानी के लिए नल-जल भी नहीं है.-राजमुना देवी, कर्मडिहरी-मैं विधवा हूं. मुझे विधवा पेंशन नहीं मिलता है. किसी तरह जीवन यापन कर रही हूं. राशन कार्ड भी अब तक नहीं बना है. पीने का पानी के लिए चापाकल पर निर्भर हूं.-शायरू निशा, बाराडीह
– हमलोगों का घर बिहार सरकार की जमीन पर है. जिसे तोड़ने का नोटिस आया है. हम कहां जाएं. हमें घर की जरूरत है, पर हमारे पास अपनी जमीन नहीं है. -दुर्गा देवी, बाराडीह-मेरे पति पांच साल से घर से चले गये हैं. मुझे जीवन यापन करने में परेशानी हो रही है. सरकार की किसी योजना का लाभ मुझे अब तक नहीं मिला है. -बुधनी देवी, बाराडीह
– मेरी पत्नी वार्ड पार्षद है. उन्होंने करीब 20 योजनाएं निगम में दी हैं. जिसमें से बहुत सारी योजनाएं हैं, अभी तक पूर्ण नहीं हुई हैं. आज भी कई योजनाएं दी गई हैं.-अहसान रजा, बाराडीह-वार्ड में ही स्थित एचडब्ल्यूसी में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रकही हैं. इसके लिए उन्हें सदर अस्पताल जाना पड़ता है. एचडब्ल्यूसी में सुविधाएं बढ़ाई जाए.-आरिफ खान
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