दिघवारा : जैसे ही आमोद के मौत की खबर उसके घर दिघवारा के बस्तीजलाल पहुंची, वैसे ही घर में कोहराम मच गया और हर किसी का रोते रोते बुरा हाल था.घर पर जुटे ग्रामीण परिजनों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे मगर परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया था.किसी को भी आमोद की मौत की खबर पर सहसा विश्वास नहीं हो रहा था.
मृतक की मां मीरा देवी रोते हुए अपनी बदकिस्मती को कोस रही थी.उसे क्या पता था कि जिस बेटे को वह नास्ता खिला कर छपरा भेज रही है वह अब कभी भी वापस घर नहीं लौट सकेगा.आसपास की महिलाएं भी मीरा को जवान बेटे के मौत के सदमे को झेलने की सांत्वना दे रही थी मगर उस मां की पुत्र वियोग के आगे लोगों के सांत्वना के शब्द बेअसर थे. बड़ा भाई नीरज व छोटा भाई आशुतोष व एकमात्र बहन प्रीति की चीख भी भाई के असामयिक मौत के गम को बयान कर रहा था. लोगों ने बताया कि पिता बाहर प्राइवेट जॉब करते हैं जिन्हें आमोद की मौत की खबर भेज दी गयी है.