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जेल की सुरक्षा के लिए मिली 16 वाॅकी-टॉकी

संवेदनशील छपरा जेल में टेलीफोन बूथ खोलने की भी योजना कारापाल के एक, काराधीक्षक के तीन तथा जेलकर्मियों के 48 पद रिक्त 16 नक्सलियों समेत एक हजार बंदी हैं छपरा जेल में छपरा (सदर) : बंदियों व कारा प्रशासन के बीच फायरिंग आदि घटनाओं को लेकर संवेदनशील रहे छपरा जेल में सुरक्षा से जुड़े पदाधिकारियों […]

संवेदनशील छपरा जेल में टेलीफोन बूथ खोलने की भी योजना

कारापाल के एक, काराधीक्षक के तीन तथा जेलकर्मियों के 48 पद रिक्त
16 नक्सलियों समेत एक हजार बंदी हैं छपरा जेल में
छपरा (सदर) : बंदियों व कारा प्रशासन के बीच फायरिंग आदि घटनाओं को लेकर संवेदनशील रहे छपरा जेल में सुरक्षा से जुड़े पदाधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की भारी कमी के बीच सरकार ने बेहतर सुरक्षा का प्रयास किया है. इसके तहत सरकार ने छपरा जेल प्रशासन को 16 वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराया है. कारा में तैनात कर्मियों एवं पदाधिकारियों को वॉकी-टॉकी के माध्यम से बंदियों के गतिविधियों, आपराधिक घटनाओं या अन्य किसी आकस्मिक स्थिति में इसका उपयोग कर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी.
16 वॉकी-टॉकी से सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में होगी सहूलियत : छपरा जेल के काराधीक्षक सुभाष प्रसाद की माने तो कारा विभाग ने बेहतर सुरक्षा बनाये रखने के लिए 16 वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराया है. इस वॉकी-टॉकी से छपरा जेल परिसर के पांच किलोमीटर के परिधि में सुरक्षा व्यवस्था संभालने में कारा प्रशासन को सहूलियत होगी. इस संबंध में कारा प्रशासन के द्वारा अपने स्तर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक कदम उठा रहा है.
कारा विभाग ने सुरक्षा के मद्देनजर छपरा जेल के भीतर वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था की है. जिससे कुख्यात अपराधियों को छपरा कोर्ट में पेशी के लिए नहीं ले जाना पड़े. विभिन्न आपराधिक मुकदमे में उनकी पेशी मंडल कारा के भीतर ही हो सके. जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील छपरा कारा की सुरक्षा के मद्देनजर 1-10 की एक बीएमपी टीम भी छपरा जेल गेट पर तैनात की गयी है.
मोबाइल का उपयोग व नक्सली प्रशासन के लिए सिरदर्द : छपरा मंडल कारा में 16 नक्सलियों के अलावे 926 सजायाफ्ता विचाराधीन बंदी है. जिनमें 28 महिला बंदी भी है. हालांकि कारा प्रशासन ने छपरा जेल में भी बंदियों की सुविधा के मद्देनजर शीघ्र ही टेलीफोन बूथ खोलने की योजना बनायी है. टेलीफोन बूथ के माध्यम से बंदी अपने परिजनों से बात कर अपने मुकदमे की सुनवाई, जमानत या अन्य कानूनी कारणों में सलाह ले या दे सके.
कारा प्रशासन के सारे प्रयासों के बावजूद राजनीतिक व सुरक्षा से जुड़े कुछ पदाधिकारियों के की शह पर कुख्यात छपरा कारा में मोबाइल रखते है और इसका दुरूपयोग करते है.
समय-समय पर कारा प्रशासन द्वारा या जिला प्रशासन के द्वारा टीम बनाकर जांच के दौरान भी मोबाइल या अन्य आपत्तिजनक सामान जब्त होते है. इसकी वजह छपरा कारा की स्थिति व आसपास में मानकों के प्रतिकूल उंचे-उंचे मकान, मोबाइल टावर आदि है. हालांकि समय-समय पर प्रशासनिक व कारा प्रशासन के बाहर से आये राज्य स्तर के पदाधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लंबे-लंबे दावे व वादे समाचार पत्रों के माध्यम से भी की. परंतु, ढाक के तीन पात
कहावत चरितार्थ हुई. उंची सड़कों के सामने कम परती जेल के दीवार की उंचाई व उंचे मकानों का फायदा
उठाकर विभिन्न अपराधों से जुड़े विचाराधीन या सजायाफ्ता बंदियों के करीबी मादक पदार्थ या अन्य आपत्तिजनक सामान जेल के दक्षिण, पश्चिम एवं उत्तर की दीवार से फेंकने में सफल हो जाते है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सरकार के द्वारा जेल की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त करने के लिए 16 वॉकी-टॉकी उपलब्ध करायी गयी है तथा बंदियों की सुविधा के लिए टेलीफोन बूथ खोलने की योजना है. इससे सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ बंदियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके.
सुभाष प्रसाद, काराधीक्षक, मंडल कारा छपरा
कारापाल, सहायक कारापाल के तीन तथा जेल पुलिस के 68 पद रिक्त
मंडल कारा छपरा में कारापाल का एक, सहायक कारापाल के चार तथा जेल पुलिस के 90 पद सृजित है. जेल की सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इन जेल पदाधिकारियों व कर्मियों का भारी संख्या में पद रिक्त होने के कारण कारा प्रशासन को निश्चित तौर पर परेशानी होती है. चूंकि कारापाल सुरक्षा व्यवस्था के मुख्य जिम्मेदार है तथा उनकी सहायता के लिए चार कारापाल में से महज एक ही सहायक कारापाल कार्यरत है.
वहीं 90 कक्षपाल का पद सृजित है. इसके विपरीत महज 22 कक्षपाल ही पदस्थापित है. हालांकि जेल प्रशासन ने कारा में 28 होमगार्ड के जवानों की प्रतिनियुक्ति की है. जिनमें आठ महिलाएं शामिल है. परंतु, ये सभी होमगार्ड सारण जिले के विभिन्न गांवों के निवासी है. ऐसी स्थिति में अपने जिले के कर्मियों से छपरा जेल की सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने का जिम्मा जेल प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है.

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