दहशत. शेखपुरा समेत कई गांवों में सैकड़ों बीमार
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चिकन पॉक्स बन रहा महामारी, एक की मौत
दहशत. शेखपुरा समेत कई गांवों में सैकड़ों बीमार बचाव तथा संक्रमण रोकने का कोई उपाय विभाग की ओर से नहीं किया गया मौसम परिवर्तन के कारण बढ़ रहा संक्रमण छपरा (सारण) : जिले में चिकन पॉक्स की बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है. रिविलगंज प्रखंड के शेखपुरा गांव में चिकन पॉक्स से पीड़ित […]
बचाव तथा संक्रमण रोकने का कोई उपाय विभाग की ओर से नहीं किया गया
मौसम परिवर्तन के कारण बढ़ रहा संक्रमण
छपरा (सारण) : जिले में चिकन पॉक्स की बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है. रिविलगंज प्रखंड के शेखपुरा गांव में चिकन पॉक्स से पीड़ित 35 वर्षीय अनवर अली की मौत बुधवार की रात हो गयी. शेखपुरा समेत प्रखंड के कई गांवों में सैकड़ों लोग चिकन पॉक्स के शिकार हैं. शेखपुरा के अलावा पचपतरा, नवादा, कचनार, सरैंधा,रेपुरा, मुकरेड़ा, टेकनिवास, देवरिया, सलेमपुर, मेथवलिया, जलालपुर गांवों में चिकन पॉक्स काफी तेजी के साथ फैल रहा है. चिकन पॉक्स के शिकार लोगों में भय का माहौल है. खास कर शेखपुरा के अनवर अली की मौत से लोग काफी चिंतित हैं. इस घटना से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह बेखबर है. बचाव तथा संक्रमण रोकने का कोई उपाय विभाग की ओर से नहीं किया गया है.
मौसम बदलने से बढ़ा संक्रमण : मौसम परिवर्तन के कारण चिकन पॉक्स का संक्रमण काफी तेजी के साथ फैल रहा है. भीषण गरमी के बाद बारिश और बारिश के बाद हो रही भीषण गरमी के कारण चिकन पॉक्स संक्रमण बढ़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में चिकन पॉक्स काफी फैल रहा है. संक्रमण के शिकार महिला-पुरुष, वृद्ध बच्चे सभी हैं.
न हों परेशान, सफाई का रखें ख्याल
क्या कहते हैं अधिकारी
चिकन पॉक्स के मरीजों का कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है. बचाव ही इसका उपाय है.
डॉ बीके श्रीवास्तव, जिला मलेरिया पदाधिकारी, सारण
क्या कहते हैं चिकित्सक
मौसम बदलने से चिकन पॉक्स का संक्रमण फैल रहा है. इसका लक्षण दिखते ही चिकित्सक की सलाह से एंटी वायरल दवा का सेवन किया जा सकता है. इस तरह की बीमारी में स्वच्छता और रहन-सहन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. प्रतिदिन कपड़ा बदलें और स्नान करें. ठंडे स्थान पर रहें.
डॉ अनिल कुमार, फिजिशियन, छपरा, सारण
करें ये उपाय
स्वच्छता पर रखें विशेष ध्यान.
प्रतिदिन स्नान करें.
डिटॉल का इस्तेमाल पानी में करें.
प्रतिदिन कपड़ा बदलें.
बिछावन साफ-सुथरा रखें.
बिछावन की चादर प्रतिदिन बदलें.
धूप में नहीं निकलें.
ठंडे व अंधेरे स्थान पर रहें.
तरल पदार्थ आहार के रूप में लें.
फल का सेवन करें.
लक्षण
सरदी-खांसी के साथ तेज बुखार होना.
शरीर में दाने-दाने जैसा होना.
शरीर में तेज जलन होना.
कमजोरी महसूस होना.
शरीर में बेचैनी महसूस होना.
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