गुजरता चला गया त्योहार, मगर शिक्षकों को नहीं मिल सकी पगार अंचल के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों को छह महीने से नहीं मिला है वेतनअर्थाभाव में जी रहे शिक्षक बना रहे आंदोलन का मूड संवाददाता, दिघवारात्योहारों का इंतजार हर कोई करता है एवं इसको लेकर उत्सुकता हर किसी के अंदर होती है. मगर, जब त्योहारों में भी पगार न मिले, तो त्योहारों का कोई खासा उत्साह नहीं रह जाता है. ऐसा ही हाल प्रखंड के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों का है. हर बार त्योहारों के समय वेतन मिलने की आस शिक्षकों के अंदर जगी. पर्व बीत गया, लेकिन वेतन का दीदार नहीं हो सका. नियोजित शिक्षकों को बीते छह महीनों से वेतन नहीं मिल सका है. लिहाजा, अर्थाभाव में तकलीफों के बीच शिक्षक कर्ज लेकर परिवार की गाड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं. बिना वेतन के ही ईद, दशहरा व मुहर्रमअर्थाभाव में ही शिक्षकों के कई पर्व गुजर गये. वेतन अभाव के बीच इन शिक्षकों ने त्योहार मनाने का कोरम पूरा किया. इनके घर के परिजनों को पर्व में भी नये कपड़े नहीं मिल सके और नही मेले में खरीदारी हुई. वेतन की आस के बीच ही ईद, दशहरा व मुहर्रम गुजर गया. क्या पता, दिवाली व छठ से पूर्व भी वेतन नसीब हो पायेगा या नहीं. छह महीनों से नहीं मिला है वेतनअंचल के विभिन्न प्रारंभिक विद्यालयों में पदस्थापित प्रखंड व पंचायत शिक्षकों को छह महीने से वेतन नहीं मिल सका है. शिक्षकों को अप्रैल, मई, जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्तूबर के वेतन का इंतजार है. हड़ताल अवधि के बाद शिक्षकों को सिर्फ जून का ही वेतन मिल पाया है. नगर शिक्षकों को चार माह से वेतन नहींनगर पंचायत, दिघवारा क्षेत्र के प्रारंभिक विद्यालयों में पदस्थापित नियोजित शिक्षक भी अर्थाभाव के बीच जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं. नगर के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों को भी जुलाई से अक्तूबर के वेतन मिलने का इंतजार है. वेतनमान की हुई घोषणा, पर पहले वेतन का है इंतजारचुनाव से पूर्व सरकार ने नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने की घोषणा की. इसके बाद शिक्षकों के बीच उम्मीद जगी की अब उनलोगों के अच्छे दिन लौटेंगे, मगर अब तक ऐसा नहीं हो सका है. लंबित वेतन के अलावा शिक्षकों को वेतनमान के पहला वेतन मिलने का इंतजार है. वहीं, वेतनमान के लिए वेतन निर्धारण प्रपत्र भरा जा चुका है. शिक्षकों का दर्द समझनेवाला कोई नहींछह महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षकों के समक्ष आर्थिक तंगी की स्थिति है. मगर, विभाग के पदाधिकारियों में कोई शिक्षकों की समस्याओं को समझनेवाला नहीं है. कोई शिक्षक वेतन के अभाव के बीच अपने परिजनों का इलाज नहीं करवा पा रहा है, तो किसी शिक्षक को दुकानदार ने कर्ज पर सामान देना भी बंद कर दिया है. बहरहाल कई महीनों से वेतन की प्रतीक्षा कर रहे सैकड़ों नियोजित शिक्षक आंदोलन का मूड बना रहे हैं. क्या कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारीअंचल के नियोजित शिक्षकों के वेतनमान का निर्धारण प्रपत्र को भर कर जिले में भिजवा दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षकों को वेतन मिल जायेगा. चुनाव को लेकर वेतन भुगतान में देरी हुई है. प्यारे मोहन तिवारीप्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, दिघवारा
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गुजरता चला गया त्योहार, मगर शक्षिकों को नहीं मिल सकी पगार
गुजरता चला गया त्योहार, मगर शिक्षकों को नहीं मिल सकी पगार अंचल के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों को छह महीने से नहीं मिला है वेतनअर्थाभाव में जी रहे शिक्षक बना रहे आंदोलन का मूड संवाददाता, दिघवारात्योहारों का इंतजार हर कोई करता है एवं इसको लेकर उत्सुकता हर किसी के अंदर होती है. मगर, जब त्योहारों में […]
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