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जिले में 40 प्रतिशत फसलें हुईं नष्ट
छपरा (सारण) : बेमौसम बरसात तथा ओले पड़ने से जिले के किसानों को गेहूं की फसल की 40 प्रतिशत क्षति उठानी पड़ी है. इसी तरह अन्य फसलों की भी 40 प्रतिशत क्षति हुई है. इस वर्ष जिले में प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल गेहूं का उत्पादन हुआ है. यह स्वी विधि से करायी गयी गेहूं की […]
छपरा (सारण) : बेमौसम बरसात तथा ओले पड़ने से जिले के किसानों को गेहूं की फसल की 40 प्रतिशत क्षति उठानी पड़ी है. इसी तरह अन्य फसलों की भी 40 प्रतिशत क्षति हुई है. इस वर्ष जिले में प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल गेहूं का उत्पादन हुआ है. यह स्वी विधि से करायी गयी गेहूं की खेती की फसलों के सर्वेक्षण रिपोर्ट पर आधारित है. सर्वेक्षण के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है कि जिले में लगभग 40 प्रतिशत गेहूंकी फसल नष्ट हो गयी.
224.53 लाख का आवंटन
राज्य सरकार के द्वारा इस जिले के किसानों को गेहूं के फसल की क्षतिपूर्ति का मुआवजा देने के लिए 224.53 लाख रुपये के आवंटन की घोषणा की गयी है. वर्तमान में आवंटित राशि पुरानी दर पर आधारित है. सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने के लिए नयी दर के निर्धारण पर विचार किया जा रहा है. नयी दर लागू होने के बाद ही मुआवजे का भुगतान हो सकेगा. अभी मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है.
नाकाफी है घोषित राशि
राज्य सरकार द्वारा मुआवजा देने के लिए इस जिले को 224.53 लाख रुपये देने की घोषणा की गयी है, जो नाकाफी है. नयी दर लागू होने के बाद इसमें काफी बढ़ोतरी करनी पड़ेगी. सरकार के द्वारा अभी पुरानी दर के हिसाब से राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की गयी है.
दिशा-निर्देश का है इंतजार
आपदा प्रबंधन तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को मुआवजा भुगतान के लिए दिशा-निर्देश का इंतजार है. गेहूं के अलावा अन्य फसलों के मुआवजे का भुगतान होगा या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है. भुगतान का आधार क्या है और यह भी स्पष्ट नहीं है. कृषि विभाग के द्वारा गेहूं की फसल को हुई क्षति का आकलन कर रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
फसल मुआवजा भुगतान के लिए सरकार द्वारा नयी दर का निर्धारण किया जाना है और राशि उपलब्ध होने और दिशा-निर्देश मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है.
रामगोविंद सिंह
जिला कृषि पदाधिकारी, सारण
गेहूं की फसल का बीमा करानेवाले ऋणी तथा गैर ऋणी किसानों को बीमा कंपनी के द्वारा मुआवजे का भुगतान किया जायेगा. कृषि विभाग तथा जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर बीमा कंपनी क्षति पूर्ति के दावे का भुगतान करेगी. बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण लेकर खेती करनेवाले किसानों की फसलों के मुआवजे की राशि उस बैंक को मिलेगी, जिन बैंकों से किसानों ने ऋण लिया है. बीमा कंपनी द्वारा दी जानेवाली क्षति पूर्ति की राशि को ऋण राशि में बैंकों द्वारा समंजित किया जायेगा.
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