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दोषी हेल्थ मैनेजर होंगे संविदा मुक्त
छपरा (सारण) : राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत बंध्याकरण का लक्ष्य पूरा नहीं करनेवाले प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों तथा स्वास्थ्य प्रबंधकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जायेगी. इस आशय का निर्देश जिलाधिकारी दीपक आनंद ने दिया है. स्वास्थ्य योजनाओं तथा कार्यक्रम की समीक्षा बैठक करते हुए डीएम ने कई महत्वपूर्ण दिशा […]
छपरा (सारण) : राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत बंध्याकरण का लक्ष्य पूरा नहीं करनेवाले प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों तथा स्वास्थ्य प्रबंधकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जायेगी. इस आशय का निर्देश जिलाधिकारी दीपक आनंद ने दिया है. स्वास्थ्य योजनाओं तथा कार्यक्रम की समीक्षा बैठक करते हुए डीएम ने कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किये हैं. डीएम ने कहा कि बंध्याकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हर हाल में हासिल करना है.
जिस प्रखंड में लक्ष्य पूरा नहीं होगा, वहां के प्रभारी चिकित्सक के वेतन भुगतान पर रोक लगायी जायेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जायेगा. साथ ही स्वास्थ्य प्रबंधकों के मानदेय का भुगतान रोक दिया जायेगा और उन्हें नियोजनमुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. डीएम ने बंध्याकरण कार्यक्रम की उपलब्धियों पर आक्रोश जताया और दोषी पदाधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी. उन्होंने चिकित्साकर्मियों को अपने कर्तव्यों व दायित्वों का ईमानदारीपूर्वक पालन करने का निर्देश दिया.
जारी रहेगा अभियान
डीएम ने खाद्य संरक्षा अधिकारी को मिलावटी सामान बेचनेवालों के खिलाफ छापेमारी अभियान लगातार जारी रखने का निर्देश दिया है. समीक्षा बैठक में डीएम ने निर्देश दिया कि प्रतिदिन होनेवाले छापेमारी अभियान की मॉनीटरिंग सिविल सजर्न करेंगे और इसका प्रतिवेदन उपस्थापित करेंगे.
छापेमारी के लिए पुलिस बल तथा मजिस्ट्रेट भी प्रतिनियुक्त करने का डीएम ने निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मिलावटी खाद्य सामग्री बेचनेवाले किराना व्यवसायियों, गल्ला दुकानदारों, सरसों तेल, रिफाइंड, डालडा, मिठाई, नाश्ता, खाना बेचनेवाले दुकानदारों के खिलाफ खाद्य संरक्षा अधिनियम-2006 के विहित प्रावधानों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करें.
दवा दुकानदारों की खैर नहीं
डीएम ने कहा कि औषधि दुकानदारों द्वारा सरकारी आदेशों तथा नियमों का उल्लंघन करने के मामले में सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने सिविल सजर्न को निर्देश दिया कि सभी क्षेत्रों में नियमित रूप से दवा दुकानों में छापेमारी कराएं. इसके लिए औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी तथा औषधि निरीक्षकों की टीम गठित करने का निर्देश दिया.
डीएम ने कहा कि दवा दुकानों की स्टॉक पंजी, क्रय-विक्रय पंजी, कैश मेमो, फ्रिज तथा अन्य कागजात की जांच करें. बिना कैशमेमो के दवा बेचनेवाले दवा दुकानदारों तथा बिना फार्मासिस्ट के दवा बेचनेवालों की अनुज्ञप्ति को रद्द करें.
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