छपरा (सदर) : मांग आधारित मनरेगा के तहत अकुशल मजदूरों को काम उपलब्ध करा कर ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं जल एकत्रीकरण, नहरों से सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, भूमि विकास, ग्रामीण संपर्क पथ आदि कार्यो के द्वारा विकास कर पर्यावरण को बेहतर बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है.
मीडियाकर्मियों को मनरेगा के तहत नियम व प्रावधानों की जानकारी के लिए बुधवार को समाहरणालय सभागार में ग्रामीण विकास विभाग व डीआरडीए की ओर से मीडिया प्रतिनिधियों की एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का उद्घाटन डीएम अभिजीत सिन्हा ने किया.
उन्होंने कहा कि मनरेगा के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी के बाद ही बेहतर ढंग से उसके कार्यान्वयन में कमियों या बेहतरी के प्रयास के संबंध में समाचार के माध्यम से समाज से लेकर प्रशासन के लोगों का ध्यान आकृष्ट किया जा सकता है. एक जुलाई से जहां मनरेगा के मजदूरों की दैनिक मजदूरी 162 कर दी गयी है. वहीं, अब भी 80 फीसदी जॉब कार्डधारियों के खाते डाकघरों में हैं. शीघ्र ही बैंकों में इनके लिए खाते खुलवाने की व्यवस्था की जा रही है.
इस अवसर पर कार्यशाला का संचालन कर रहे डीडीसी रमण कुमार ने मनरेगा की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, विशेषताएं, प्रशासनिक व्यवस्था, मजदूरों के पंजीयन, पात्रता, मजदूरी भुगतान, बेरोजगारी भत्ता, सार्वजनिक भूमि पर लिये जानेवाले कार्य, निजी भूमि पर कार्य के लिए पात्रता, निजी भूमि पर लिये जानेवाले कार्य, योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी एवं अनुश्रवण, सामाजिक अंकेक्षण पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया. वहीं स्टेटमेंट जॉब, रोजगार सृजन आदि की व्याख्या की.