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जेपीयू के छात्रों को इसरो के पाठ्यक्रमों से जुड़कर रिसर्च का मिलेगा अवसर

छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अध्ययनरत वैसे छात्र-छात्राएं जो विज्ञान से जुड़े अनुसंधान में रुचि रखते हैं और वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी इकट्ठा कर अपने कैरियर को नया आयाम देना चाहते हैं, उनके लिए विश्वविद्यालय के माध्यम से संबंधित विषयों की पढ़ाई करना आसान होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अंतर्गत जेपीयू के सभी […]

छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अध्ययनरत वैसे छात्र-छात्राएं जो विज्ञान से जुड़े अनुसंधान में रुचि रखते हैं और वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी इकट्ठा कर अपने कैरियर को नया आयाम देना चाहते हैं, उनके लिए विश्वविद्यालय के माध्यम से संबंधित विषयों की पढ़ाई करना आसान होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अंतर्गत जेपीयू के सभी महाविद्यालयों में रिमोट सेंसिंग इमेज एनलाइसिस, ग्लोबल सेटेलाइट सिस्टम एंड ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन तथा आरएस एनलाइसिस एप्लिकेशन के तीन पाठ्यक्रमों से जुड़े कोर्सों की पढ़ाई होगी.

छात्र-छात्राएं इसरो के इन पाठ्यक्रमों से जुड़कर वैज्ञानिक अनुसंधानों से जुड़े विषयों की पढ़ाई कर सकते हैं.सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत आकाश में हवाई जहाज या उपग्रहों पर लगे सेंसर से खींची गयी तस्वीरों का अध्ययन कर उसका वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाता है.

आज के समय में रिमोट सेंसिंग के माध्यम से विविध क्षेत्रों के आंकड़ों एवं उससे जुड़ी जानकारी को प्राप्त करना काफी सहज है. भारत ने कृषि, जल संसाधन, वानिकी एवं पारिस्थितिकी, भू-विज्ञान, पानी शेड, समुद्री मत्स्यपालन तथा तटीय प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह कार्यक्रम विकसित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं.
कोर्स पूरा होने के बाद मिलेगा सर्टिफिकेट
जेपीयू के माध्यम से विभिन्न कॉलेजों में इसरो के पाठ्यक्रमों से जुड़े कोर्स का अध्ययन बिल्कुल निःशुल्क होगा. जिन छात्रों को वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में कैरियर बनाने की रुचि होगी, वो निःशुल्क शिक्षा ले सकते हैं. कोर्स पूरा होने पर विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जायेगा.
इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने में काफी आसानी होगी. गत वर्ष ही जेपीयू को इसरो ने सूचीबद्ध कर लिया था. पिछले साल भी पाठ्यक्रम से जुड़ने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था. हालांकि जानकारी के अभाव में छात्रों ने पाठ्यक्रम से जुड़ने में रुचि नहीं दिखायी थी.
इसरो के पाठ्यक्रमों के तहत इन विषयों की होगी पढ़ाई
शहरी सूचना प्रणाली
आपदा प्रबंधन सहायता कार्यक्रम
परिदृश्य स्तर पर जैव विविधता विशेषता
शहरी नियोजन
वन संरक्षण
वेटलैंड मानचित्र
पर्यावरण प्रभाव का विश्लेषण
खनिज पर्यवेक्षण
तटीय अध्ययन
क्या कहते हैं पीआरओ
जेपीयू के विभिन्न महाविद्यालयों में इसरो से जुड़े पाठ्यक्रमों में नामांकन लिया जायेगा. वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए यह कोर्स काफी लाभकर होगा. यूजीसी से हर वर्ष नामांकन संबंधित नोटिफिकेशन आता है. नोटिफिकेशन आते ही कॉलेजों में छात्रों को सूचित किया जायेगा.
डॉ केदारनाथ, पीआरओ, जेपीयू

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