छपरा (सदर) : छपरा शहर से सटे साढ़ा मुख्य मार्ग से बिहार राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनी होते टाड़ी गांव जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ने तथा दक्षिण से लगातार उत्तर की ओर पानी बहने से त्रस्त उमानगर व उससे सटे मुहल्ले के लोगों ने अधूरी सड़क पर मिट्टी आदि भरवाकर जल के बहाव को रोकने का काम खुद के प्रयास से शुरू किया.
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करोड़ों खर्च के बावजूद सड़क अधूरी, लोग परेशान
छपरा (सदर) : छपरा शहर से सटे साढ़ा मुख्य मार्ग से बिहार राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनी होते टाड़ी गांव जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ने तथा दक्षिण से लगातार उत्तर की ओर पानी बहने से त्रस्त उमानगर व उससे सटे मुहल्ले के लोगों ने अधूरी सड़क पर मिट्टी आदि भरवाकर जल […]
इस सड़क के निर्माण में प्रशासनिक उदासीनता व आरसीडी की कारगुजारियां के कारण डेढ़ सौ मीटर तक सड़क का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया. इसकी वजह या तो प्रशासन द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाना या उस मार्ग में आने वाली डेढ़ से दो कट्ठा जमीन का अधिग्रहण नहीं करना बताया जाता है. इस मार्ग के निर्माण के लिए चार करोड़ 35 लाख रुपये का टेंडर हुआ था.
इसमें 12 सौ मीटर सड़क ढलाई के अलावा 1500 मीटर नाले का निर्माण करना था, जिससे प्रभुनाथ नगर, शक्ति नगर, छपरा लोको सेट कॉलोनी, दहियावां आदि मुहल्लों का पानी नाले के माध्यम से सड़क के पूरब मुख्य नाले के माध्यम से निकले. परंतु, आरसीडी के पत्राचार के बावजूद जिला प्रशासन ने न तो इस मार्ग में अतिक्रमण हटाया और न ही जहां आवश्यक हुआ, वहां भूमि का अधिग्रहण किया.
ऐसी स्थिति में संवेदक द्वारा बिना नाले का निर्माण कराये ही सड़क के बीच में अवस्थित एक घर की बाउंड्री के करीब तक दोनों तरफ सड़क निर्माण कर अधूरा छोड़ने के कारण दक्षिण के विभिन्न मुहल्लों का पानी उत्तर की ओर बहने से सैकड़ों घरों में पानी डूबा हुआ था. फलत: मुहल्लावासियों ने चंदा लगाकर घरों में जलजमाव से निजात के लिए मिट्टी भरवाकर पानी रोकने का काम कर दिया है.
अब स्थिति यह है कि मंगलवार को दक्षिण की ओर रहने वाले खासकर शक्तिनगर, सांढ़ा हाउसिंग कॉलोनी, प्रभुनाथनगर के सैकड़ों घरों में पानी घुसने लगा है. साढ़ा हाउसिंग कॉलोनी के दक्षिण ओर शक्ति नगर आदि मुहल्लों में रहने वाले लोगों का कहना है कि पथ निर्माण विभाग तथा प्रशासनिक उदासीनता के कारण करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद अधूरे सड़क निर्माण तथा नाला निर्माण नहीं होने से एक ओर जहां जलजमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है, वहीं सड़क के ऊंचा निर्माण होने के बाद दक्षिण की ओर पानी का लेबल और ज्यादा बढ़ने से लोग परेशान हैं.
लोगों का कहना है कि लगातार जलजमाव से जलजनित बीमारियों के अलावा उनके घरों में विषैले कीड़े-मकोड़े भी आ जाते हैं, जिससे ज्यादा परेशानी हो रही है. जब तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं होगा तथा जलनिकासी के लिए नाला नहीं बनेगा, तब तक समस्या जस की तस रहेगी.
प्रतिदिन हजारों की संख्या में राहगीर पैदल या वाहनों के द्वारा इस मार्ग से गुजरते हैं. उन्हें कभी गिरकर चोट लगती है, तो कभी इनके कपड़े खराब होते हैं, परंतु प्रशासन उदासीन बना हुआ है. वहीं सड़क के उत्तर के लोगों द्वारा ईंट-पत्थर-मिट्टी आदि भरकर सड़क ऊंचा कर पानी का बहाव रोकने तथा चलने के लायक बनाने के कारण पानी का बहाव रुक गया है.
परंतु अब इस मार्ग से किसी भी प्रकार के वाहन का आना-जाना मुश्किल हो गया है. इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता साधु शरण से पूरी स्थिति जानने का प्रयास किया गया, परंतु या तो उनके सरकारी मोबाइल पर रिंग होने के बावजूद या तो जवाब नहीं मिला या स्वीच ऑफ कर दिया गया.
क्या कहते हैं डीएम
अधूरा सड़क निर्माण तथा जलजमाव से त्रस्त मुहल्लावासियों द्वारा पानी का बहाव, कचड़ा, मिट्टी आदि से रोके जाने के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है. शीघ्र ही आरसीडी के कार्यपालक अभियंता से संपर्क कर पूरी स्थिति की जानकारी लेकर समस्या के समाधान का काम होगा.
सुब्रत कुमार सेन, डीएम, सारण
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