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चमकी बुखार की आहट से अलर्ट

छपरा : सदर अस्पताल में सोमवार को चमकी बुखार से पीड़ित एक मरीज इलाज कराने पहुंचा. मरीज भगवान बाजार थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर मोहल्ला निवासी मेघनाथ का पांच वर्षीय पुत्र अनिल कुमार बताया गया है. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चा जैसे ही सदर अस्पताल पहुंचा, पूरा अस्पताल सन्न रह गया. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल […]

छपरा : सदर अस्पताल में सोमवार को चमकी बुखार से पीड़ित एक मरीज इलाज कराने पहुंचा. मरीज भगवान बाजार थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर मोहल्ला निवासी मेघनाथ का पांच वर्षीय पुत्र अनिल कुमार बताया गया है. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चा जैसे ही सदर अस्पताल पहुंचा, पूरा अस्पताल सन्न रह गया. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया. चिकित्सक से लेकर वार्ड अटेंडेंट इस बात की पुष्टि करने में लग गये कि यह चमकी बुखार है या उसके समकक्ष कोई और बीमारी.

बाद में चिकित्सकों ने चमकी बुखार के लक्षण होने की पुष्टि कर बच्चे को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया. बेहतर इलाज के लिए बच्चे को पीएमसीएच रेफर किया गया है. सदर अस्पताल के वाह्य विभाग में हड़ताल होने से मरीजों की भीड़ आपातकालीन विभाग में जमा थी. जैसे ही चमकी पीड़ित मरीज इलाज के लिए पहुंचे तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी से लेकर आसपास के दूसरे मरीजों में भी इस बीमारी के लक्षण को देखने की होड़ लग गयी.
कांप रहा था पीड़ित का शरीर : पीड़ित का पूरा शरीर कांप रहा था. इसके बाद चिकित्सकों ने बच्चे को अलग वार्ड में रखने की सलाह देते हुए दूसरे कमरे में शिफ्ट कराया. वहां उसे चिकित्सकीय व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी. भर्ती होने के बाद चिकित्सकों ने तुरंत खून जांच कर प्राथमिक इलाज शुरू कर दिया.
दोपहर में बेहतर इलाज के लिए बच्चे को पीएमसीएच रेफर किया गया. छपरा में चमकी का लक्षण सामने आने से लोगों में चिंता बढ़ गयी है. अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. छोटे बच्चों को धूप में लेकर निकलने से लोग डर रहे हैं. सीजनल बुखार होने पर भी लो तुरंत चिकित्सकीय सलाह ले रहे हैं.
सदर अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर की सुविधा : बताते चले कि सदर अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं होने से इस तरह के मरीजों को अक्सर पटना रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में सदर अस्पताल महज रेफरल अस्पताल बन कर रह गया है. सोमवार को भी जब चमकी पीड़ित मरीज इलाज के लिए पहुंचा तो संसाधनों के अभाव में चिकित्सक आधा घंटा तक यही तय नहीं कर पा रहे थे कि बच्चे को आखिर हुआ क्या है.
वहीं वार्ड में भी जरूरी व्यवस्था नहीं है. मजबूरन बच्चे को पीएमसीएच रेफर किया गया. चिकित्सक डॉ चंदेश्वर सिंह ने बताया कि इस तरह के मरीजों के लिए सदर अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा होनी चाहिए. अगर ऐसी सुविधा होती, तो हमलोग पटना न भेजकर यहीं उचित इलाज करने में सक्षम हैं.

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