समस्तीपुर : शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों का आधार बैंक खाते से सीडिंग कराना अनिवार्य कर दिया है. बच्चों को छात्रवृति, पोशाक व नैपकिन सहित सभी तरह की योजनाओं के लाभ लेने के लिए आधार बैंक खाते से सीडिंग को अनिवार्य किया गया है. बगैर आधार सीडिंग किये लाभुकों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा. 75 फीसदी उपस्थिति के आधार पर बच्चों को मिलने वाली लाभुक योजनाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सह डीबीटी नोडल अधिकारी ने इस संबंध में पत्र लिखकर समस्तीपुर सहित सभी जिले को निर्देश दिया है. इसके आलोक में जिला शिक्षा विभाग ने जिले के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं अनुदानित सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति की रिपोर्ट पिछले माह ई-शिक्षाकोष पर मांगी गयी थी
बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति की रिपोर्ट पिछले माह ई-शिक्षाकोष पर मांगी गयी थी. ई-शिक्षा कोष पर दिए गए उपस्थिति के आंकड़ों से बैंक खाते का सत्यापन राज्य स्तर पर किया गया है. जिसके बाद यह मामला सामने आया है कि बड़ी संख्या में बच्चों का बैंक खाता उनके आधार से सीडिंग नहीं है. जिले के हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज के बच्चों का अपना बैंक खाता है. जबकि मिडिल और प्राइमरी स्कूल के कुछ बच्चों का अपने अभिभावक के साथ संयुक्त या खुद का बैंक खाता है. जबकि बाकी बच्चों के अभिभावकों के ही बैंक खाते को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर इंट्री की गयी है. जबकि हाईस्कूल व प्लस टू के बच्चों के अपने नाम के बैंक खाते की इंट्री हुई है जिनमें योजनाओं की राशि भेजी जायेगी.जिले में अधिकांश बच्चों का बैंक खाता आधार से सीडिंग किया गया है
प्राइमरी-मिडिल के बच्चों की अभिभावकों के खाते में या उनके खुद के खाते राशि भेजी जायेगी. वैसे जिले में अधिकांश बच्चों का बैंक खाता आधार से सीडिंग किया गया है. छूटे हुए सभी बच्चों को योजना के लाभ के लिए खाता सीडिंग कराने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. वहीं लाभुक आधारित योजनाओं की राशि वितरण के बाद अभिभावकों से शपथ पत्र लिया जायेगा. शिक्षा विभाग ने छात्रवृत्ति समेत अन्य योजनाओं को लेकर यह निर्देश दिया है. पोशाक, किशोरी स्वास्थ्य योजना, छात्रवृत्ति की राशि को अभिभावकों की ओर से अन्य जगहों पर खर्च करने का मामला सामने आया है. इसके बाद विभाग ने सख्ती की है. पोशाक की राशि मिलने के बाद भी स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे बिना ड्रेस के ही आते हैं. यही नहीं, स्कूली बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन खरीदने को लेकर विभाग की ओर से राशि दी जाती है, लेकिन स्कूल आने वाली बच्चियों से जब इस संबंध में पूछा गया तो मामला सामने आया कि संबंधित राशि घर के अन्य कामों में खर्च कर दी गई.
योजना के लिए अभिभावकों से शपथ पत्र लेना होगा
निदेशक ने डीईओ को अपने-अपने क्षेत्र के सभी विद्यालयों में अभिभावक-शिक्षक (पीटीएम) बैठक का आयोजन कर लाभुक आधारित योजनाओं की प्रत्येक योजना के लिए अभिभावकों से शपथ पत्र लेना होगा. इस शपथ पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख रहेगा कि योजना के जिस प्रयोजन के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है, उसी मद में राशि खर्च की जायेगी. इसके अलावा निदेशक ने स्कूलों द्वारा सभी योजना के लिए अलग-अलग पंजी का संधारण कराने का भी निर्देश दिया है. जबकि इन पंजी में लाभुकों का पूरा ब्योरा लिखा जायेगा. साथ ही अभिभावक-शिक्षक-बैठक में अभिभावकों से पंजी व शपथ पत्र पर हस्ताक्षर लिया जायेगा. स्कूलों में पंजी की उपलब्धता नहीं होने की सूरत में छात्र कोष की राशि से पंजी की खरीद कराने को भी निदेशक ने कहा है. शिक्षा विभाग ने लाभुक आधारित योजनाओं के संदर्भ में सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों की उपस्थिति से संबंधित आंकड़ों की त्रुटियों के समाधान के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को तीन दिन का समय दिया था.38,562 विद्यार्थियों की प्रविष्टियों में गलतियां चिह्नित की गयी
मिली जानकारी के अनुसार 38,562 विद्यार्थियों की प्रविष्टियों में गलतियां चिह्नित की गयी हैं. दरअसल लाभुक आधारित योजनाओं का लाभ देने के लिए विद्यार्थियों की उपस्थिति का आंकड़ा शिक्षा कोष पोर्टल पर आंकड़ा अपलोड किया गया है. आंकड़ों के विश्लेषण के बाद विभिन्न प्रकार की गलतियां चिह्नित की गयीं. इससे बच्चे सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं. सबसे अधिक जन्म तिथि के अनुसार गड़बड़ी पाये जाने के आधार पर बच्चों की इंट्री पोर्टल पर की गयी है. दरअसल बच्चों की जन्मतिथि उनके कक्षा के अनुरूप सही नहीं लग रही है. 10,510 छात्रों के डाटा में करेक्शन किया गया है. विदित हो कि जिले 8 लाख 16 हजार 142 नामांकित छात्र-छात्राओं की जांच के बाद लाभुक आधारित योजना की राशि दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है